गिरिडीह: हजारीबाग के पदमा में आयोजित उत्पाद सिपाही की भर्ती दौड़ में गिरिडीह देवरी प्रखंड के मानिकाबाद के रहने वाले सूरज वर्मा, पिता प्रभु वर्मा, की दर्दनाक मौत हो गई। सूरज ने 10 किलोमीटर की दौड़ को सफलतापूर्वक पूरा किया था, लेकिन इसके बाद उसकी मौत हो गई। सूरज अपने घर से एक दिन पहले निकला था, और दौड़ के दिन वह सुबह से ही लाइन में खड़ा था।
दौड़ के दौरान दुर्घटना और मौत:
दौड़ के दौरान सूरज वर्मा अचानक चक्कर खाकर गिर गया। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तुरंत उसे शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है।
दौड़ के दौरान अव्यवस्था और आरोप:
सूरज के दोस्तों के अनुसार, उम्मीदवारों को लगभग 12 घंटे तक लाइन में खड़ा रखा गया और फिर दौड़ाया गया। सूरज पहले से ही बी.एड. की पढ़ाई पूरी कर चुका था और उसने जेपीएससी पीटी परीक्षा भी पास कर ली थी। इसके बावजूद बेरोजगारी के चलते वह उत्पाद सिपाही की दौड़ में हिस्सा ले रहा था। सूरज के परिवार ने आरोप लगाया है कि दौड़ के दौरान मेडिकल सुविधाओं की कमी थी और कड़ी धूप में बिना उचित व्यवस्था के दौड़ाया जा रहा था।
छात्रों की मांग:
घटना के बाद छात्रों और अभ्यर्थियों ने मांग की है कि पहले लिखित परीक्षा आयोजित की जाए और फिर दौड़ करवाई जाए, साथ ही हर दौड़ के दौरान मेडिकल टीम की उपस्थिति भी अनिवार्य की जाए। सूरज के परिवार का कहना है कि वह पढ़ाई में बहुत होशियार था और उसकी मौत से पूरा परिवार सदमे में है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश:
इस घटना से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में पहले भी कई मौतें हो चुकी हैं और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और कब तक युवाओं की जान जोखिम में डालकर भर्तियां आयोजित की जाएंगी?
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