गिरिडीह/अभिमन्यु: उत्पाद सिपाही की बहाली प्रक्रिया के तहत आयोजित दौड़ में शुक्रवार को 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक, विरंची राय, गिरिडीह जिले के राजधनवार का निवासी था। घटना उस समय हुई जब वह बहाली प्रक्रिया के दौरान आयोजित दौड़ में भाग ले रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दौड़ के दौरान विरंची राय की तबियत अचानक बिगड़ने लगी और उसकी सांसें फूलने लगीं। स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे तुरंत गिरिडीह सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के अलावा, दौड़ के दौरान छह अन्य अभ्यर्थियों की भी तबियत बिगड़ी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें हजारीबाग के खुशनवाज आलम, निमियाघाट के संतोष कुमार, सरिया के राजकुमार सिंह, पश्चिमी सिंहभूम के धर्म दास, कोडरमा के त्रिभुवन यादव और रामगढ़ के बबलू बेदिया शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, इनमें से दो अभ्यर्थियों को आईसीयू में भर्ती किया गया है, और उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही हैं।
राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार और प्रशासन पर तीखे सवाल उठाए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि ऐसी बहाली प्रक्रियाओं में प्रशासनिक लापरवाही लगातार जानलेवा साबित हो रही है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर ऐसे आयोजनों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं क्यों नहीं उपलब्ध कराई जातीं, जिससे दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों की जान बचाई जा सके।
भाकपा माले के नेताओं ने इस घटना को “प्रशासनिक असफलता” करार देते हुए कहा कि युवा अपनी रोजी-रोटी की तलाश में कठिन प्रक्रियाओं से गुजर रहे हैं, जबकि प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल हो रहा है। उन्होंने मांग की कि दोषी अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी इस घटना के खिलाफ विरोध दर्ज कराया और सरकार से उत्पाद सिपाही की बहाली प्रक्रिया में सुधार की मांग की। अभाविप ने कहा कि ऐसी घटनाएं युवा अभ्यर्थियों के मनोबल पर गहरा असर डालती हैं और प्रशासन को इस दिशा में गंभीर कदम उठाने की जरूरत है।
इधर, मृतक के परिवार में शोक का माहौल है। विरंची राय के पिता ने प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनका बेटा नौकरी की आस में दौड़ में शामिल हुआ था, लेकिन लापरवाही की वजह से उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने सरकार से अपने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि दौड़ के आयोजन के दौरान सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई थीं, लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
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