रांची : झारखंड सरकार ने राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को रांची के नामकुम स्थित खोजाटोली मैदान में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में घोषणा की कि अब झारखंड की बेटियों को 18 वर्ष की आयु पूरी होते ही मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिलने लगेगा। इस योजना के अंतर्गत फिलहाल 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह की सम्मान राशि दी जा रही है, लेकिन आयु सीमा को घटाकर 18 वर्ष किए जाने से अब 15 लाख अतिरिक्त महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के लाभार्थियों के बीच डीबीटी के माध्यम से 70 करोड़ 49 लाख 27 हजार रुपये की राशि जारी की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य के प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
महिला सशक्तिकरण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, “हमने सबसे पहले 50 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को आर्थिक सहायता देने के लिए सर्वजन पेंशन योजना के तहत उम्र सीमा घटाई थी। अब हमने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए मंईयां सम्मान योजना का विस्तार किया है।”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की पत्नी, कल्पना सोरेन, वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा। नामकुम के प्रशिक्षण मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के पांच जिलों की करीब तीन लाख महिलाएं शामिल हुईं।
भविष्य की दिशा में एक और बड़ा कदम
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है, जिसके माध्यम से राज्य की 48 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है। अब आयु सीमा घटाने के साथ ही इस योजना के तहत 15 लाख अतिरिक्त लाभार्थियों को भी शामिल किया जाएगा। इस निर्णय से झारखंड की बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य आवश्यकताओं में आर्थिक सहयोग मिलेगा, जिससे राज्य का महिला सशक्तिकरण का सपना और साकार होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर अपनी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “यह योजना केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि हमारी बहनों और बेटियों को सम्मान देने की दिशा में एक कदम है। अगले पांच वर्षों में हम हर परिवार को एक लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करेंगे, जिससे राज्य में गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।”
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