हेमंत सोरेन का आरोप: केंद्र सरकार ने कोरोना के दौरान लगाया ‘दुष्प्रभावी’ टीका, युवाओं की मौत का जिम्मेदार ठहराया….


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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रांची में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सोरेन ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोगों को ऐसा टीका लगवाया, जिसका दुष्प्रभाव आज देश में साफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि आज स्वस्थ और चलते-फिरते लोगों की अचानक मौत हो रही है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा, “बुजुर्गों को छोड़िए, स्वस्थ युवा भी इस टीके के दुष्प्रभाव का शिकार हो रहे हैं। भाजपा ने कोरोना टीका बनाने वाली कंपनियों से चंदा वसूला और लोगों को जबरन ऐसा टीका लगवाया, जिसकी वजह से मामूली सर्दी-खांसी तक में लोगों की मौत हो रही है।”  

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युवाओं की मौत पर गहरी चिंता

कार्यक्रम के दौरान, सोरेन ने हाल ही में झारखंड में कांस्टेबल बहाली के दौरान दौड़ के समय हुई युवाओं की मौत पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमारे राज्य में कांस्टेबल बहाली के लिए हो रही दौड़ में कुछ युवाओं की जान चली गई। हम इसकी जांच करवा रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि ये मौतें सिर्फ दौड़ लगाने की वजह से नहीं हुईं। इसके पीछे कोरोना के टीके का दुष्प्रभाव हो सकता है।”  

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हाल ही में हमारे एक सांसद की पत्नी का केवल 28 साल की उम्र में मामूली बीमारी से निधन हो गया, जो बहुत चिंताजनक है। उन्होंने इस घटना को भी कोरोना टीके से जोड़ते हुए कहा कि यह समस्या गंभीर है और इसकी जांच की आवश्यकता है।

भाजपा पर पलटवार

भाजपा द्वारा इन मौतों के लिए सोरेन सरकार को जिम्मेदार ठहराए जाने पर मुख्यमंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं और सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने टीका लगवाने के लिए जनता पर दबाव डाला। सोरेन ने दावा किया कि जो टीका दुनिया के कई हिस्सों में नहीं लगा, उसे हमारे देश में लगाया गया और अब इसका दुष्प्रभाव दिख रहा है।  

 मौतों की जांच और समीक्षा

गौरतलब है कि झारखंड में उत्पाद विभाग में कांस्टेबल के 583 पदों के लिए हो रही नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान दौड़ में 12 युवाओं की मौत हो चुकी है। इसे लेकर भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।

इसके तुरंत बाद, सोरेन ने कांस्टेबल बहाली के लिए हो रही दौड़ को तीन दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की और इन मौतों के कारणों की समीक्षा कराने की बात कही थी।

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