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ई-कल्याण स्कॉलरशिप की देरी से छात्र निराश, सरकार की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल….


गिरिडीह: झारखंड सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली ई-कल्याण स्कॉलरशिप में हो रही देरी ने हजारों छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है। इस स्कॉलरशिप का उद्देश्य छात्रों की उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, लेकिन अब तक कई छात्रों को इस राशि का इंतजार है।

स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कई छात्र 11वीं से 12वीं में पहुंच गए हैं, सत्र शुरू हो चुका है, और कुछ ही महीनों में 12वीं के फाइनल एग्जाम होंगे। लेकिन, उनके 11वीं कक्षा का स्कॉलरशिप अभी तक नहीं आया है। सरकार को अब 12वीं के स्कॉलरशिप के आवेदन लेने चाहिए थे, लेकिन अभी तक 11वीं का भी पैसा कई छात्रों के खातों में नहीं पहुंचा है। यही हाल ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों का भी है, जो अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए इस राशि पर निर्भर हैं।

कुछ छात्रों ने बताया कि ई-कल्याण पोर्टल पर उनके दस्तावेज फाइनल अप्रूव्ड होने के बावजूद भी राशि नहीं आई है, जबकि कुछ छात्रों के दस्तावेज अभी तक फाइनल अप्रूव्ड तक नहीं हुए हैं। इस देरी से छात्र सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि यह डिजिटल युग है, लेकिन झारखंड सरकार का डिजिटल सिस्टम अभी तक सटीक रूप से काम नहीं कर रहा है। स्कॉलरशिप के आवेदन जनवरी 2024 से लिए जाने शुरू हुए थे, लेकिन सात महीने से अधिक का समय बीत चुका है और अभी तक सभी छात्रों को उनकी स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिली है। इससे छात्रों में गहरी नाराजगी और निराशा है।

 गिरिडीह के जिले से कई छात्रों ने अपनी समस्या को लेकर सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें। छात्रों का कहना है कि स्कॉलरशिप उनके लिए केवल एक वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि उनकी शिक्षा और भविष्य का एक महत्वपूर्ण आधार है। कई छात्रों ने इस देरी के चलते अपनी पढ़ाई छोड़ने तक की स्थिति का सामना किया है। सरकार की इस सुस्त व्यवस्था के चलते न केवल छात्रों का मनोबल गिर रहा है, बल्कि उनके परिवारों में भी असंतोष बढ़ रहा है।

वहीं, कुछ अभिभावकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई है। उनका कहना है कि बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार से मिलने वाली सहायता समय पर न मिलने से उनका पूरा परिवार वित्तीय तंगी से गुजर रहा है। अब सवाल उठता है कि क्या सरकार इन छात्रों की आवाज सुनेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी, या फिर यह नाराजगी और गहरा जाएगी? यह सवाल अब हर छात्र और उनके परिवारों के मन में गूंज रहा है।

सरकार को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, ताकि छात्रों को समय पर स्कॉलरशिप की राशि मिल सके और वे बिना किसी वित्तीय बाधा के अपनी शिक्षा जारी रख सकें। अन्यथा, यह देरी छात्रों के भविष्य पर एक गंभीर प्रभाव डाल सकती है, जिससे राज्य में शिक्षा का स्तर और भी नीचे जा सकता है।

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