दिवाली भारत में सबसे प्रमुख और हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। रोशनी का यह पर्व हर घर में खुशियां लाता है और पूरे देश में एकता और उल्लास का संदेश देता है। लेकिन इसके साथ-साथ हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दिवाली के दौरान विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं का खतरा रहता है, विशेष रूप से पटाखों के कारण। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इस लेख में हम कुछ महत्वपूर्ण दिवाली सुरक्षा टिप्स साझा कर रहे हैं, जिन्हें पालन कर आप और आपके बच्चे सुरक्षित रह सकते हैं।
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पटाखे न जलाएं:
दिवाली के दौरान बाजार और गलियां काफी भीड़भाड़ वाले होते हैं, जहां पटाखे जलाना अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। पटाखों की चिंगारी या धमाके से आसपास मौजूद लोग हताहत हो सकते हैं। इसलिए बच्चों को पहले से ही चेतावनी दें कि वे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पटाखे न जलाएं। यदि बच्चे छोटे हैं, तो उन्हें पटाखे जलाने से बिल्कुल रोकें और पटाखे जलाने का काम किसी खुले और सुरक्षित स्थान पर ही करें।
जेब में पटाखे न रखें:
कई बार बच्चे अनजाने में पटाखों को अपनी जेब में रख लेते हैं, जो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। फुलझड़ी, चकरी या अनार जैसी चीजें भी जेब में रखने पर जोखिम भरी हो सकती हैं। ऐसे में आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे घर से बाहर जाते समय उनकी जेबें चेक करें और उन्हें सख्त हिदायत दें कि वे कभी भी पटाखे अपनी जेब में न रखें।
कटे-फटे पटाखों पर पैर न रखें:
पटाखों के फटने के बाद उनके अवशेषों पर बच्चों का ध्यान कम जाता है। कई बार अधजले पटाखे जमीन पर पड़े रहते हैं और बच्चे अनजाने में उन पर पैर रख देते हैं, जिससे वे फिर से जल उठते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। बच्चों को यह सिखाएं कि वे किसी भी जले हुए या अधजले पटाखे के पास न जाएं और उनसे दूर रहें। ऐसी स्थिति में तुरंत बड़े लोगों को सूचित करें।
हाथ में पटाखे जलाने से बचें:
बच्चों के लिए पटाखों की चमक-धमक काफी आकर्षक होती है, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि पटाखों के इस्तेमाल में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। खासकर हाथ में पटाखे जलाना बेहद खतरनाक होता है। इसलिए बच्चों को समझाएं कि वे पटाखे हमेशा जमीन पर रखकर ही जलाएं और उन्हें हाथ में पकड़कर जलाने की कोशिश न करें। इसके अलावा, पटाखे जलाते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखें।
कॉटन के कपड़े पहनाएं:
दिवाली के दौरान फैशनेबल कपड़े पहनने का रिवाज है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से कॉटन के कपड़े पहनना सबसे सही होता है। सिल्क या सिंथेटिक कपड़े जल्दी आग पकड़ सकते हैं, जिससे गंभीर चोट लग सकती है। बच्चों को हमेशा कॉटन के ढीले कपड़े पहनाएं, ताकि वे पटाखे जलाते समय सुरक्षित रहें।
दिवाली खुशियों और उल्लास का त्योहार है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हम सभी पर है। इन सरल सुरक्षा उपायों को अपनाकर हम दिवाली को न सिर्फ यादगार बल्कि सुरक्षित भी बना सकते हैं। विशेष रूप से बच्चों को लेकर सजग रहना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे किसी भी तरह की दुर्घटना से बच सकें और उत्सव का पूरा आनंद उठा सकें।
सदर प्रखंड के अज्जीडिह स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में रविवार को स्कूल प्रबंधन समिति की…
झारखंड के बोकारो में रविवार को डुमरी विधायक और JLKM अध्यक्ष जयराम महतो एक समीक्षा…
गिरिडीह के देवरी थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जमुआ-देवघर मुख्य मार्ग…
Giridih Views Success Story: हर बड़ी सफलता की शुरुआत एक छोटे से सपने से होती…
झारखंड में पारा शिक्षकों के मानदेय से ईपीएफ कटौती की प्रक्रिया नवंबर महीने से शुरू…
गिरिडीह: अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल के केंद्रीय कार्यक्रम वीर हनुमान हिंदू सुरक्षा…