रांची टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर झारखंड सरकार ने एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रतन टाटा का योगदान राज्य और देश दोनों के लिए अमूल्य था।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, “रतन टाटा जी ने झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को वैश्विक पहचान दिलाई और यहां के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। उनके निधन से न केवल उद्योग जगत बल्कि पूरे समाज ने एक महान मार्गदर्शक खो दिया है।
राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार, 11 अक्टूबर को पूरे राज्य में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा। इस दौरान सभी सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
रतन टाटा के निधन पर राष्ट्रीय शोक
भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पोस्ट में रतन टाटा को “एक दूरदर्शी कारोबारी नेता और दयालु आत्मा” बताया, जिन्होंने भारतीय उद्योग जगत में अपार योगदान दिया। राहुल गांधी ने उन्हें “व्यवसाय और परोपकार के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ने वाला” व्यक्तित्व बताया।
रतन टाटा का आखिरी संदेश
रतन टाटा के निधन से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपने स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की थी। इस पोस्ट में उन्होंने अपने चाहने वालों को आश्वस्त किया था कि उनकी तबीयत ठीक है और अस्पताल में उनका सिर्फ नियमित चेकअप हो रहा है। उनकी इस पोस्ट के बाद उनका निधन होना, उनके प्रशंसकों के लिए एक गहरा आघात बना।
रतन टाटा का योगदान केवल उद्योग के क्षेत्र तक सीमित नहीं था, उन्होंने समाज सेवा और परोपकार में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके जाने से देश ने न केवल एक सफल उद्योगपति, बल्कि एक महान समाजसेवी को भी खो दिया है।
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