चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस (Covid-19) ने भले ही अब अपनी तीव्रता खो दी हो और इसके मामलों में कमी आई हो, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव (Long Term Effects) अब भी चिंता का विषय बने हुए हैं। कोविड-19 से ठीक हुए लोग आज भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनमें सांस लेने में दिक्कत, इम्यूनिटी में कमी और हृदय संबंधी समस्याओं का बढ़ता खतरा प्रमुख है।
रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
हाल ही में आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े सामने रखे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण के 1000 दिनों के भीतर हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ गया है। नेशनल हार्ट, लंग्स और ब्लड इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों का मानना है कि यह स्थिति वाकई चिंताजनक है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के बाद दिल का दौरा पड़ने की संभावना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
दिल के स्वास्थ्य पर महामारी का असर…
डॉक्टरों के अनुसार, कोविड-19 ने लोगों के हृदय को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस महामारी के बाद हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर जैसी घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। खासकर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज के मामलों में तेजी देखी गई है।
रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 से रिकवरी के बाद भी शरीर के अंदर सूजन की स्थिति बनी रहती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह स्थिति रक्त के थक्के बनने और आर्टरी ब्लॉकेज का कारण बनती है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी घातक समस्याओं को जन्म देती है।
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से जुड़े हृदय रोगों के खतरे को कम करने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. नियमित जांच कराएं: अगर आपने कोविड-19 से रिकवरी की है, तो अपनी हृदय संबंधी स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से कराते रहें।
2. स्वस्थ आहार अपनाएं: कम वसा वाला और पोषण से भरपूर आहार हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
3. व्यायाम करें: नियमित योग और हल्का व्यायाम ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
4. तनाव कम करें: मानसिक तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और प्राणायाम का सहारा लें।
5. दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें: किसी भी दवा का उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।
सरकार और स्वास्थ्य संगठनों की भूमिका..
सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को चाहिए कि कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभावों पर जागरूकता फैलाएं। इसके लिए व्यापक स्तर पर कैंपेन और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्य केंद्रों पर पोस्ट-कोविड देखभाल के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
कोविड-19 का असर केवल तत्कालिक नहीं है; इसके लंबे समय तक चलने वाले प्रभाव स्वास्थ्य पर गंभीर चोट कर सकते हैं। हृदय स्वास्थ्य पर इसके असर को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। समय पर जांच और सतर्कता ही इस चुनौती से निपटने का एकमात्र उपाय है।
आपके स्वास्थ्य की रक्षा ही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। सतर्क रहें, स्वस्थ रहें।
अस्वीकरण:
इस खबर में प्रस्तुत कुछ जानकारियां विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। किसी भी सलाह या सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। आपकी सेहत और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
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