झारखंड के मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही इस महत्वाकांक्षी योजना को रोकने के लिए सिमडेगा निवासी विष्णु साहू ने जनहित याचिका दायर की थी।
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना राज्य सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों को सहायता राशि प्रदान की जाती है, ताकि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके। याचिकाकर्ता विष्णु साहू की ओर से उनके अधिवक्ता राजीव कुमार ने इस योजना पर चुनावी लाभ के उद्देश्य से शुरू होने का आरोप लगाया है। याचिका में यह दलील दी गई कि यह योजना मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनाव से पहले लाई गई है।
झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने योजना के पक्ष में दलीलें दीं। राज्य सरकार ने यह तर्क दिया कि योजना का उद्देश्य समाज के कमजोर तबकों को सशक्त बनाना और उन्हें सम्मानित जीवन प्रदान करना है। यह योजना जनकल्याण की दृष्टि से बनाई गई है, न कि चुनावी लाभ के उद्देश्य से। इसके आधार पर कोर्ट ने योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया।