रांची: आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन द्वारा जारी इस घोषणा पत्र में राज्य के स्थानीय निवासियों के अधिकारों, संसाधनों पर नियंत्रण, और क्षेत्रीय विकास पर विशेष ध्यान देने का संकल्प लिया गया है।
झारखंड का बकाया और स्थानीय अधिकारों की बहाली
घोषणा पत्र में झामुमो ने केंद्र सरकार और उसकी कंपनियों के पास झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये वापस लाने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की बात कही गई है, जिसके तहत पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत, आदिवासियों को 28 प्रतिशत, और दलितों को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
सरना-आदिवासी धर्म कोड को भी विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजा गया है। झामुमो ने वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आए, तो इस धर्म कोड को केंद्र से स्वीकृत करवाने का पूरा प्रयास करेंगे।
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की पहल
घोषणा पत्र में कहा गया है कि झारखंड में बीजेपी सरकारों द्वारा लागू भूमि अधिग्रहण कानून 2017 और लैंड बैंक नीति को रद्द किया जाएगा। “गांव की जमीन गांव के पास” के सिद्धांत को लागू करने का वादा किया गया है।
दलित और विस्थापितों के लिए विशेष कदम
झामुमो ने कहा है कि सरकार बनने के छह महीने के अंदर दलितों और विस्थापितों के जाति और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा और सभी आवेदकों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
बिजली और कृषि पर राहत
घोषणा पत्र के मुताबिक, प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाएगी और बकाया बिजली बिल से जुड़े केस और मुकदमे माफ किए जाएंगे। किसानों के लिए 0% ब्याज पर कृषि ऋण और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 3,200 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा। वन उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी 50% तक की वृद्धि का वादा किया गया है।
शिक्षा और रोजगार सृजन पर योजनाएं
सभी जिलों और प्रखंडों में डॉ. भीमराव अंबेडकर लाइब्रेरी सह शिक्षा सहयोग केंद्र की स्थापना का वादा किया गया है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाने और आगामी पांच वर्षों में 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का भी वादा किया गया है।
सहारा इंडिया के निवेशकों को न्याय दिलाने की लड़ाई
झामुमो ने कहा है कि सहारा इंडिया के झारखंड के पीड़ित निवेशकों की लड़ाई हर स्तर पर लड़ी जाएगी। राज्य के सभी पीड़ित निवेशकों का भुगतान सुनिश्चित करने का वादा किया गया है।
इस घोषणा पत्र से झामुमो ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार बनी तो झारखंड के संसाधनों और स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। अब देखना होगा कि यह घोषणा पत्र जनता को कितना प्रभावित कर पाता है।