कमरशाली में छठ घाटों का अभाव: नाले के पानी में छठ मनाने को मजबूर 80 परिवार, माले नेता ने जताई नाराज़गी….

Abhimanyu Kumar
3 Min Read
Highlights
  • करीब 80 परिवार नाले के पानी में छठ पूजा करने को मजबूर
  • स्थानीय निवासियों ने समस्या को लेकर भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा से शिकायत की
  • नाले की सफाई और चौड़ीकरण से पूजा में सुविधा संभव, नगर निगम की सफाई को बताया गया औपचारिकता
  • सीसीएल जीएम बासब चौधरी ने जल्द सफाई का आश्वासन दिया
  • प्रशासन को स्थायी छठ घाट और साफ-सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए
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गिरिडीह, कमरशाली वार्ड नं. 20: यहां के करीब 80 परिवारों को हर साल छठ पूजा के दौरान मजबूरी में नाले के पानी में ही पूजा करनी पड़ती है। स्थानीय निवासियों ने इस समस्या को लेकर भाकपा (माले) नेता राजेश सिन्हा से शिकायत की। राजेश सिन्हा ने स्थानीय नेता नौशाद आलम और दर्जनों युवाओं के साथ क्षेत्र का दौरा किया और देखा कि एक पतली जलधारा बह रही है, जहां लोग छठ पूजा करने पर मजबूर हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस नाले की सफाई और चौड़ीकरण से पूजा का आयोजन बेहतर ढंग से हो सकता है। वहीं, नगर निगम द्वारा साफ-सफाई के काम को महज औपचारिकता बताया गया, जिससे मुहल्लेवासी असंतुष्ट हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिन्हा ने सीसीएल जीएम बासब चौधरी से बातचीत की, जिन्होंने जल्द ही जेसीबी से सफाई करवाने का आश्वासन दिया है।

स्थानीय नेताओं की अपील

माले नेता सिन्हा का कहना है कि गिरिडीह में लाखों लोग उसरी नदी और अन्य जलस्रोतों में छठ पूजा करते हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण शहर के आस-पास के कई इलाकों में साफ-सफाई और अन्य बुनियादी सुविधाएं समय पर नहीं मिल पातीं। सिन्हा ने सुझाव दिया कि प्रशासन को कमरशाली जैसे इलाकों में स्थायी रूप से जलस्रोतों की पहचान कर उन्हें विकसित करना चाहिए ताकि ग्रामीण समुदाय को असुविधा न हो।

नागरिकों की मांग

कमरशाली के निवासी रामदेव शर्मा, अजय शर्मा, भीम शर्मा, आदर्श शर्मा, जीतू शर्मा, पवन राय, करण राय, धर्मेंद्र राणा, सिकंदर राणा, अशोक शर्मा, और अयूब अंसारी ने नाली और सड़क की दशकों से चली आ रही खराब हालत का भी जिक्र किया। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द इन बुनियादी सुविधाओं को ठीक करने के लिए संबंधित विभाग ध्यान दे, ताकि लोगों को छठ पूजा के लिए भटकना न पड़े।

माले नेता की टिप्पणी

सिन्हा ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं, और प्रशासन की प्राथमिकता अभी चुनाव पर केंद्रित है। हालांकि, नगर निगम और जिला परिषद जैसे संस्थानों पर दबाव बनाकर इस मुद्दे का हल निकाला जा सकता है ताकि कमरशाली और अन्य इलाकों के लोगों को अपने त्योहारों के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

 

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