नई दिल्ली: करदाताओं के लिए राहत और डिजिटल प्रणाली में सुधार के एक बड़े कदम के तहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को “पैन 2.0 परियोजना” को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस परियोजना के तहत करदाताओं को QR कोड युक्त पैन कार्ड का निःशुल्क अपग्रेड प्रदान किया जाएगा। यह परियोजना आयकर विभाग द्वारा प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग और डिजिटल अनुभव को नई दिशा देने की महत्वाकांक्षी योजना है।
1,435 करोड़ रुपये का बजट और डिजिटल बैकबोन का निर्माण
कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि पैन 2.0 परियोजना पर 1,435 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह परियोजना मौजूदा प्रणाली को आधुनिक बनाएगी और डिजिटल बैकबोन को और मजबूत करेगी। हमारा लक्ष्य है कि इसे एक सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता (Universal Business Identifier) के रूप में विकसित किया जाए। इसके तहत पूरी प्रक्रिया पेपरलेस और ऑनलाइन होगी, जिससे करदाताओं को अधिक सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी। शिकायत निवारण प्रणाली को भी सशक्त बनाया जाएगा।”
पैन और टैन सेवाओं का एकीकरण
पैन 2.0 के तहत पैन और टैन सेवाओं को एकीकृत करके एक सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता बनाया जाएगा। यह कदम वाणिज्यिक क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करेगा। इसके अलावा, पैन डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम” अनिवार्य बनाया जाएगा। इस प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं द्वारा प्रदान किया गया डेटा सुरक्षित रखा जाएगा और इसका दुरुपयोग रोका जाएगा।
पैन 2.0 परियोजना: क्या है और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
पैन 2.0 परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं और पैन/टैन सेवाओं को एक नए प्रौद्योगिकी-संचालित इकोसिस्टम में बदलने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 इकोसिस्टम को उन्नत बनाकर करदाताओं के लिए बेहतर और आसान सेवाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस परियोजना के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
1. डिजिटल पहुंच और त्वरित सेवाएँ: करदाता अपनी पैन संबंधित सेवाओं का उपयोग अधिक आसानी और तेज गति से कर सकेंगे।
2. सत्य और डेटा-संगति का एकल स्रोत: एक केंद्रीकृत डेटा सिस्टम का निर्माण होगा जो सही और एकरूप जानकारी प्रदान करेगा।
3. पर्यावरण के अनुकूल और लागत-प्रभावी प्रक्रियाएँ: कागज रहित प्रक्रियाएँ अपनाने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
4. सुरक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार: पैन डेटा वॉल्ट के माध्यम से उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
आर्थिक क्षेत्र के लिए नई संभावनाएँ
मंत्री वैष्णव ने इस परियोजना को व्यापार और कर प्रणाली के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया। “यह परियोजना न केवल करदाताओं के अनुभव को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाएगी।