झारखंड सरकार ने राज्यवासियों को दी जाने वाली प्रशासनिक सेवाओं को सरल और समयबद्ध बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। कार्मिक विभाग ने जाति प्रमाण पत्र और स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के लिए समय सीमा तय करते हुए सिटीजन चार्टर जारी किया है। यह सिटीजन चार्टर 11 दिसंबर 2024 को जारी किया गया, जिसमें सभी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारियां और अपीलीय प्रक्रियाओं को स्पष्ट किया गया है।
इस सिटीजन चार्टर का मुख्य उद्देश्य है कि आम नागरिकों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े और उनके शिकायतों का निपटारा नियमित रूप से किया जाए।
जाति प्रमाण पत्र और स्थानीय प्रमाण पत्र की समय सीमा
जिला स्तर पर जाति प्रमाण पत्र:
• अधिकृत अधिकारी: उपायुक्त
• उपायुक्त जाति प्रमाण पत्र को 15 दिनों के अंदर जारी करेंगे।
अपीलीय प्रक्रिया:
• यदि निर्धारित समय पर प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है, तो प्रमंडलीय आयुक्त के पास अपील की जा सकती है। इस स्तर पर भी 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
• यदि यहां भी समाधान न मिले, तो प्रधान सचिव या सचिव स्तर पर अपील की जाएगी, जहां 15 दिनों में निर्णय लिया जाएगा।
अनुमंडल स्तर पर जाति प्रमाण पत्र:
• अधिकृत अधिकारी: अनुमंडल पदाधिकारी
• अनुमंडल स्तर पर जाति प्रमाण पत्र 30 दिनों के अंदर जारी होगा।
अपीलीय प्रक्रिया:
• समय सीमा के अंदर प्रमाण पत्र जारी न होने की स्थिति में उपायुक्त के पास अपील की जाएगी। उपायुक्त इसे 15 दिनों में निपटाएंगे।
• दूसरे अपीलीय स्तर पर प्रमंडलीय आयुक्त 15 दिनों में निर्णय लेंगे।
स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र:
•अधिकृत अधिकारी: अनुमंडल पदाधिकारी
• स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र 30 दिनों के अंदर जारी किया जाएगा।
अपीलीय प्रक्रिया:
• निर्धारित समय सीमा के अंदर जारी न होने पर उपायुक्त के पास अपील की जा सकती है। उपायुक्त 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
• यदि समस्या बनी रहती है, तो प्रमंडलीय आयुक्त 15 दिनों में इस मामले का निपटारा करेंगे।
प्रखंड स्तर पर जाति प्रमाण पत्र (सीधे आवेदन पर):
• अधिकृत अधिकारी: प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) या अंचल अधिकारी
• यह अधिकारी आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
अपीलीय प्रक्रिया:
• देरी की स्थिति में अनुमंडल अधिकारी 15 दिनों में सुनवाई कर प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
• दूसरे अपीलीय अधिकारी के रूप में उपायुक्त 15 दिनों में मामले का निपटारा करेंगे।
सप्ताहिक शिकायत निपटान का आदेश
कार्मिक विभाग ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि आम नागरिकों की शिकायतों का निपटारा प्रत्येक सप्ताह सुनिश्चित किया जाए। यह कदम जनता की समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने और प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है।
नए नियमों से नागरिकों को क्या फायदा होगा?
1. समयबद्धता: प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।
2. सरल अपीलीय प्रक्रिया: देरी या अन्य समस्याओं की स्थिति में नागरिकों को त्वरित समाधान मिलेगा।
3. जवाबदेही: अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होने से आम जनता को राहत मिलेगी।
4. शिकायत निपटान में तेजी: हर सप्ताह शिकायतों का निपटारा अनिवार्य किया गया है।