प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की देर रात लगभग 1:30 बजे भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने हादसे के कई घंटे बाद भी मृतकों और घायलों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की है।
कैसे हुई भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अमृत स्नान के कारण अधिकतर पांटून पुल बंद थे, जिससे संगम जाने वाली भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया। बैरिकेड्स के पास कुछ श्रद्धालु गिर पड़े और अचानक भगदड़ मच गई। इसके अलावा, संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते नहीं थे, जिससे श्रद्धालुओं को भागने का मौका नहीं मिला और कई लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि गंगा हर स्थान पर पवित्र है, इसलिए लोग संगम पर ही स्नान करने की जिद न करें।
उपराष्ट्रपति, भाजपा अध्यक्ष और झारखंड के सीएम ने जताया शोक
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी हादसे को दुखद बताया और कहा कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हादसे पर दुख जताते हुए सरकार से इस घटना की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की त्रासदियों से सबक लेकर भविष्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने चाहिए।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
हादसे के कई घंटे बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से मृतकों और घायलों को लेकर स्पष्ट आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन ने इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के पर्याप्त इंतजाम किए थे या नहीं।