गिरिडीह: गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड में प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों, पंचायत सदस्यों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित प्रवास और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जागरूकता फैलाना था।
गिरिडीह जिले के विभिन्न प्रखंडों से मजदूर अक्सर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों या विदेशों में जाते हैं। ऐसे में कई बार वे मुश्किल परिस्थितियों में फंस जाते हैं। हाल ही में कैमरून में फंसे मजदूरों की घटना ने प्रशासन को सक्रिय किया है। इस मामले में संबंधित ठेकेदारों और मिडिलमैन के खिलाफ बगोदर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
श्रम विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश
1. पंजीकरण अनिवार्य: श्रमाधान पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों का निबंधन और ठेकेदारों के लिए श्रम विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है।
2. बीमा सुविधा: श्रम विभाग के अनुसार, पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को दुर्घटना में मृत्यु होने पर ₹2,00,000 और अपंजीकृत मजदूरों को ₹1,50,000 का मुआवजा दिया जाएगा। सामान्य मृत्यु पर ₹50,000 और मृत शरीर को पैतृक निवास तक लाने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
कार्यशाला में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
कार्यशाला में सहायक श्रमायुक्त, प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत प्रमुख, मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और उनके कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई।
कार्यशाला में अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि मजदूरों को विदेश या दूसरे राज्य में जाने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करने की अपील की गई कि पंचायत स्तर पर मजदूरों को पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जाए।