रांची – राजधानी में एक बार फिर बर्ड फ्लू (H5N1 एवीएन इन्फ्लूएंजा) का मामला सामने आया है। बिरसा वेटरनरी कॉलेज के पोल्ट्री फार्म में मुर्गों की जांच के बाद इस खतरनाक वायरस की पुष्टि हुई है। यह पुष्टि 6 फरवरी को आईसीएआर-एनआईएएसएडीईएच, भोपाल से आई रिपोर्ट में हुई। इसके बाद से ही प्रशासन और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है।
संक्रमण की जानकारी मिलते ही केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर तत्काल एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने भी इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
संक्रमण रोकने की तैयारी
बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार के निर्देशानुसार कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग की टीम ने सबसे पहले संक्रमण स्थल को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया है।
बिरसा वेटरनरी कॉलेज के पोल्ट्री फार्म में अब तक जो मुर्गे बचे हैं, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाएगा। इसके बाद पूरे क्षेत्र को संक्रमणमुक्त करने के लिए व्यापक सफाई अभियान चलाया जाएगा।
इसके अलावा, प्रशासन ने एक विशेष कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत संक्रमित क्षेत्र से लेकर आसपास के इलाकों में निगरानी तेज कर दी गई है।
10 किलोमीटर तक फैलेगी निगरानी
संक्रमण की पुष्टि के बाद बर्ड फ्लू के खतरे को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने तय किया है कि संक्रमण के केंद्र से 10 किलोमीटर की परिधि में निगरानी बढ़ाई जाएगी।
सबसे पहले, एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी पोल्ट्री फार्म का सर्वेक्षण किया जाएगा। यहां मौजूद सभी पक्षियों को मारने की कार्रवाई की जाएगी ताकि वायरस आगे न फैल सके।
इसके बाद, 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले क्षेत्रों को ‘सर्विलांस जोन’ घोषित किया जाएगा। इन इलाकों में मौजूद पक्षियों की लगातार जांच की जाएगी और आवश्यकतानुसार उनके सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजे जाएंगे।
वन क्षेत्रों में भी कड़ी नजर
बर्ड फ्लू केवल पालतू पक्षियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह जंगली पक्षियों के जरिए भी फैल सकता है। इसे देखते हुए, संक्रमित क्षेत्र के आसपास के वन क्षेत्रों में भी विशेष निगरानी रखी जाएगी।
वन विभाग की टीम इन क्षेत्रों में पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रखेगी। साथ ही, पक्षियों के मल (वीट) का संग्रहण और जांच की जाएगी ताकि संक्रमण की स्थिति स्पष्ट हो सके।
सख्त नियम होंगे लागू
संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने कई सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। प्रभावित क्षेत्र में किसी भी प्रकार के पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही, आम लोगों से अपील की गई है कि वे संक्रमित क्षेत्रों में पक्षियों के संपर्क में आने से बचें।
पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री फार्म मालिकों को भी विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्हें अपने फार्म की नियमित सफाई करने और बाहरी पक्षियों के संपर्क में आने से बचने की हिदायत दी गई है।
क्या है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू, जिसे एवीएन इन्फ्लूएंजा (H5N1) कहा जाता है, एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो पक्षियों में तेजी से फैलती है। यह वायरस इंसानों में भी संक्रमण फैला सकता है, हालांकि अब तक इंसानों में इसके सीमित मामले ही सामने आए हैं।
बर्ड फ्लू के लक्षणों में पक्षियों की अचानक मौत, भूख न लगना, सिर झुकाकर बैठना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। इंसानों में यह वायरस संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने या उनके मल से दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है।