गिरिडीह: श्री रामकृष्ण महिला महाविद्यालय में आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. मधुश्री सेन सान्याल ने की। इस अवसर पर विभिन्न मातृभाषाओं की झलक देखने को मिली, जिससे सभी भाषाई रूप से समृद्ध हुए।
प्राचार्या डॉ. सान्याल ने इस मौके पर रवींद्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कहानी “काबुलीवाला” साझा की। प्रो. दीपिका कुमारी ने पंचपरगनिया भाषा में लोककथा “कोइली तुका नाई बनाएला” सुनाई। डॉ. आतिश रंजन ने भाषा के विकास पर चर्चा करते हुए हो और मुंडारी भाषा की पहेलियों व मुहावरों को साझा किया।
डॉ. ज्योति चौधरी ने मिथिला भाषा की सांस्कृतिक विशेषताओं का चित्रण किया, जबकि प्रदीप ने खोरठा भाषा में कविता पाठ किया। शगुफ्ता ने उर्दू में शायरी प्रस्तुत की। छात्राओं में कशिश ने स्वरचित कविता का पाठ किया, अंजू ने संथाली भाषा में अपने समाज का परिचय दिया, और प्रिया ने मगही भाषा में मगध क्षेत्र की विशेषताओं पर भाषण दिया।
पीजी हिंदी की छात्राओं ने संथाली भाषा में गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। इस अवसर पर प्रो. इंचार्ज सुनील कुमार, डॉ. के.एन. शर्मा, डॉ. संजीव सिंह, डॉ. मनीषा रतन, प्रो. नम्रता तिर्की सहित सभी शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों और छात्राओं की उपस्थिति रही।
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