जम्मू में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए हजारीबाग के वीर सपूत कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव लाया गया। तिरंगे में लिपटे बेटे को देख मां बिलख पड़ीं— “हर जनम तू मेरी ही कोख से जन्म लेना, बेटा!” यह सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं।
शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग उमड़े। जनसैलाब ने “शहीद करमजीत अमर रहें” के नारों के बीच नम आंखों से विदाई दी।
5 अप्रैल को होनी थी शादी, मंगेतर ने दी श्रद्धांजलि
करमजीत सिंह बक्शी की 5 अप्रैल को शादी तय थी। उनकी मंगेतर भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचीं और भावुक होकर श्रद्धांजलि दीं।
सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद को डीसी, एसपी सहित अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद करमजीत सिंह बक्शी अमर रहें!
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