गिरिडीह:- उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, श्री नमन प्रियेश लकड़ा के द्वारा पत्र प्रेषित कर जानकारी दी गई कि सरकार के उप सचिव, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड सरकार, रांची द्वारा आसन्न गर्मी मौसम में Heat Wave से बचाव एवं तैयारी हेतु Heat Action Plan एवं Preparedness Measures जारी किया गया है। जारी पत्र के अनुसार राज्य में अत्यधिक गर्मी की आवृत्ति एवं तीव्रता की संभावना जताई जा रही है। भीषण गर्मी के कारण जन-जीवन प्रभावित होता है एवं आम जनता को स्वास्थ्य एवं पेयजल संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, छात्र-छात्राओं, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ-साथ काम के लिए घर से बाहर निकलने को बाध्य दिहाड़ी मजदूरों को काफी समस्याएं आती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि आमजनों को ग्रीष्म लहर/हीट वेव से बचाव हेतु कारगर उपाय एवं कार्रवाई की जाए।
● नगर निगम…
1. शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक जगहों पर स्थानीय निकायों द्वारा पियाऊ की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। इन स्थानों पर ग्रीष्म लहर से बचाव से संबंधित सूचनाओं को भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि आमजन इससे भली भांति अवगत हो सके।
2. अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत खराब चापाकलों की मरम्मत युद्ध स्तर पर कराई जानी सुनिश्चित की जाय।
3. नगरीय क्षेत्र में अवस्थित आश्रय स्थलों में पेयजल तथा आकस्मिक दावों की व्यवस्था स्लम के निवासियों हेतु सुनिश्चित की जाए।
● स्वास्थ्य विभाग…
1. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/रेफरल अस्पतालों/सदर अस्पताल/अनुमंडलीय अस्पतालों में लू से प्रभावित के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था करने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट जीवन रक्षक दवा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
(ii) अत्यधिक गर्मी से पीडित व्यक्ति को ईलाज हेतु आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आईसोलेसन वार्ड की व्यवस्था कर ली जानी चाहिए एवं लू से पीड़ित बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रभावित जगह हेतु स्टैटिक / चलन्त चिकित्सा दल की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
(iii) ग्रीष्म लहर/लू (हीट देव) से बचाव के उपाय से सम्बन्धित आईईसी सामग्री, स्थानीय स्तर पर मुदित कर पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार प्रसार कराया जाना सुनिश्चित की जाय। साथ ही स्थानीय प्रचार माध्यमों का भी उपयोग किया जा सकता है।
● पेयजल एवं स्वच्छता विभाग…
(1) खराब चापाकलों की मरम्मति युद्ध स्तर पर किया जाना सुनिश्चित की जाय।
(ii) जिन स्थानों पर नल का जल नहीं पहुँचता हो एवं चापाकलों में पानी की कमी हो गयी हो, वहाँ पेयजल संकट से निबटने हेतु निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुँचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय।
(ii) भूगर्भ जल स्तर की लगातार समीक्षा की जाए एवं इस पर सतत् निगरानी रखी जानी सुनिश्चित की जाय।
● शिक्षा विभाग…
(1) स्कूली बच्चों, छात्र-छात्राओं को भीषण गर्मी से बचाने के लिए आवश्यक है कि विद्यालय / कॉलेज या तो सुबह की पाली में हीं संचालित हो अथवा गर्मी की छुट्टियाँ निर्धारित समय से पूर्व घोषित कर दी जाय। गर्मी की स्थिति को देखते हुए स्कूलों/कॉलेजों को अल्प अवधि के लिए बन्द किया जा सकता है।
ii) सभी स्कूलों / कॉलेजों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जानी चाहिए।
(iii) ग्रीष्म लहर / लू (हीट वेव) से बचाव के उपाय से संबंधित आईईसी सामग्री, स्थानीय स्तर पर मुद्रित कर पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाना सुनिश्चित की जाय। साथ ही स्थानीय प्रचार माध्यमों का भी उपयोग किया जाना सुनिश्चित की जाय।
समाज कल्याण और सामाजिक सुरक्षा विभाग…
i) सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था करायी जानी सुनिश्चित की जाय एवं वहाँ पर ग्रीष्म लहर/लू (हीट वेव) से बचाव से संबंधित आईईसी (बच्चों को समझने हेतु) सामग्री प्रदर्शित कर जनता को जागरूक किया जाना सुनिश्चित की जाय।
(ii) स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से आंगनबाडी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ऑर्स) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
(iii) नवजात शिशु बच्चों धात्री एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
● कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (पशुपालन प्रभाग)…
(i) ग्रीष्म काल के पूर्व मनरेगा अन्तर्गत तालाबों/ नहर इत्यादि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायी जानी चाहिए ताकि इनमें पानी इक्कट्ठा कर पशु-पक्षियों को पानी उपलब्ध कराया जा सके।
(ii) ग्रीष्म लहर/लू (हीट वेव) चलने पर मनरेगा के कार्य अवधि को सुबह 6:00 बजे से 11:00 बजे तक तथा अपराह्न 3:30 बजे से 6:30 बजे तक निर्धारित किया जाना सुनिश्चित की जाय।
(iii) कार्य स्थल पर पेय जल तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जानी सुनिश्चित की जाय।
(iv) विभाग के द्वारा पंचायतों में ग्रीष्म लहर/लू (हीट वेव) चलने के दौरान ‘क्या करें कया न करें का प्रचार-प्रसार कराया जाना सुनिश्चित की जाय।
(v) गाँवों में पेय जल की व्यवस्था हेतु पंचायतों को कार्य योजना बनाने हेतु निदेशित करते हुए जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य किया जाना सुनिश्चित की जाय।