गिरिडीह में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में अयोग्य लाभुकों की पहचान जारी,अयोग्य लाभुकों द्वारा लिया गया गई राशि की हो रही वसूली…

Abhimanyu Kumar
2 Min Read
Highlights
  • 3,912 लाभुक अयोग्य पाए गए – सत्यापन के बाद योजना से हटाने की प्रक्रिया शुरू।
  • गलत जानकारी देकर राशि हड़पी – कई लाभुकों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
  • बिचौलियों की संलिप्तता उजागर – योजना की राशि निकालने में बिचौलियों की भूमिका सामने आई।
  • प्रशासन की सख्त कार्रवाई – नाम हटाने और वसूली की प्रक्रिया जारी।
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गिरिडीह: जिले में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अयोग्य लाभुकों को चिह्नित करने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। पूरे जिले में लगभग 5,02,000 लाभुकों में से अब तक 3,912 लाभुकों को सत्यापन के बाद अयोग्य पाया गया है। प्रशासन ने इन लाभुकों का नाम पोर्टल से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, साथ ही उनसे गलत तरीके से ली गई राशि की वसूली भी की जा रही है।

बिचौलियों की संलिप्तता उजागर

सत्यापन के दौरान यह सामने आया कि कई लाभुकों ने गलत जानकारी देकर योजना का लाभ उठाया, वहीं इस फर्जीवाड़े में बिचौलियों की भी भूमिका उजागर हुई है। इन बिचौलियों ने धोखाधड़ी कर राशि निकालने में मदद की।

सदर प्रखंड में सबसे अधिक अयोग्य लाभुक

गिरिडीह जिले के विभिन्न प्रखंडों में जांच की जा रही है, जिसमें सबसे ज्यादा अयोग्य लाभुक सदर प्रखंड में पाए गए हैं। दूसरे स्थान पर जमुआ और तीसरे स्थान पर गांडेय प्रखंड है। जांच में पाया गया कि कई पारा शिक्षक, उप मुखिया, वार्ड सदस्य और सहिया भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं हैं।

फर्जी दस्तावेजों के सहारे निकाली जा रही थी राशि

कई लाभुकों ने गलत बैंक खाता, मोबाइल नंबर और अन्य भ्रामक जानकारी देकर योजना की राशि प्राप्त की। जांच में सीएससी संचालकों की भी संलिप्तता सामने आई है। गांडेय प्रखंड में एक सीएससी संचालक द्वारा कई लाभुकों के आवेदन में अपने परिजनों के बैंक खाते का उपयोग कर राशि निकालने का मामला उजागर हुआ है। प्रशासन ने ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

कार्रवाई जारी

प्रशासन ने अयोग्य लाभुकों की सूची तैयार कर पोर्टल से उनके नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, गलत तरीके से प्राप्त राशि की वसूली और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। संबंधित विभाग इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार जांच और सत्यापन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।

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