किसानों की मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने गिरिडीह उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन….

डीसी कार्यालय तक प्रतिवा मार्च, केंद्र सरकार पर किसानों को तंग करने का आरोप...

Abhimanyu Kumar
3 Min Read
किसान नेता और समर्थक ..
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किसानों के अधिकारों और मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले गुरुवार को गिरिडीह में एक प्रतिवाद मार्च निकाला गया। माले कार्यालय पपरवाटांड़ से शुरू हुआ यह मार्च गिरिडीह उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचा, जहां किसान नेताओं ने उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा को राष्ट्रपति के नाम एक मांग-पत्र सौंपा।

माले नेता,राजेश सिंह,अशोक पासवान समेत अन्य ने मामले पर सौंपा ज्ञापन…

इस मार्च का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पूरण महतो, विजय सिंह, अशोक पासवान, राजेश सिन्हा, शंकर पांडेय, कन्हाई पांडेय, मेहताब अली मिर्जा, रामलाल मुर्मू और प्रीति भास्कर समेत कई नेताओं ने किया।

सरकार किसानों को कर रही तंग: पूरण महतो

वरिष्ठ किसान नेता पूरण महतो ने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ लगातार धोखा करने और उन्हें तंग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के हित में कार्य करना चाहिए और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए

वहीं विजय सिंह और अशोक पासवान ने भी गिरिडीह उपायुक्त के समक्ष किसानों की समस्याओं को रखा और उनसे ज्ञापन राष्ट्रपति तक पहुंचाने का आग्रह किया। जिला कमिटी के अन्य सदस्यों राजेश सिन्हा, शंकर पांडेय, कन्हाई पांडेय, मेहताब अली मिर्जा सहित कई कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार रखे।

अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कार्यकारणी के किसान नेता पूरण महतो

मांग पत्र में ये प्रमुख मुद्दे उठाए गए:

किसान नेताओं द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में पंजाब और अन्य राज्यों में किसानों के आंदोलनों पर हो रही कथित पुलिसिया दमन की कड़ी निंदा की गई है। साथ ही निम्नलिखित मांगें की गई हैं:

1. किसानों के आंदोलनों पर हो रहा बल प्रयोग रोका जाए और लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल किया जाए।

2. सभी गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए।

3. किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य उपकरणों को वापस किया जाए।

4. क्षतिग्रस्त व चोरी हुए सामान की भरपाई पंजाब सरकार द्वारा की जाए।

5. झारखंड में गैर मजरूआ जमीन की रसीद काटने की गारंटी दी जाए।

6. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को सख्ती से लागू किया जाए।

7. वन अधिकार कानून 2005 को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।

किसान नेताओं ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति इन मांगों पर संज्ञान लेकर आवश्यक निर्देश देंगे। आंदोलन में रीतलाल प्रसाद, कन्हैया सिंह, निशांत भास्कर, रुद्र प्रताप समेत कई अन्य कार्यकर्ता भी शामिल रहे।

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