दक्षिण कश्मीर की शांत वादियों में मंगलवार को उस वक़्त अफरातफरी मच गई, जब अनंतनाग जिले के पहलगाम से सटे पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में सैलानियों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। धर्म पूछकर हत्या की गई। इस बर्बर हमले में 28 टूरिस्ट की मौके पर मौत हो गई, जबकि 17 से अधिक लोग घायल हैं। घाटी में मातम पसरा है, देशभर में गुस्सा और शोक की लहर है।
धर्म पूछकर गोलियों से भूना
घटना की दिल दहला देने वाली बात ये रही कि आतंकी पहले सैलानियों का धर्म पूछते और फिर उन्हें गोली मार देते। चश्मदीदों ने बताया कि किसी महिला की आंखों के सामने उसके पति को मौत के घाट उतार दिया गया। किसी बेटी ने अपने पिता को खो दिया। यह मंजर इतना भयावह था कि किसी की भी रूह कांप जाए।
घाटी के मिनी स्विट्ज़रलैंड में लहूलुहान सन्नाटा
यह हमला बैसरन घाटी में हुआ, जिसे “मिनी स्विट्ज़रलैंड” कहा जाता है। पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित यह इलाका घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और घास के मैदानों से घिरा है, जहां तक सिर्फ पैदल या घोड़े से ही पहुंचा जा सकता है। दोपहर करीब 2:45 बजे छह आतंकी वहां पहुंचे और करीब 45 पर्यटकों के समूह पर हमला बोल दिया।
10 मिनट तक चला खूनी खेल
हमलावर करीब 10 से 15 मिनट तक मैदान में घूम-घूमकर गोलियां बरसाते रहे। पर्यटक जान बचाकर इधर-उधर भागे, कुछ लोग घास में छिप गए। कई ने मोबाइल से वीडियो बनाकर अपनी आपबीती दर्ज की। एक टूरिस्ट ने बताया कि कुछ लोग उस वक्त रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे, तभी गोलियों की आवाज गूंजी और चीख-पुकार मच गई।
हमले के बाद पूरे इलाके में पसरा मातम
घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बल पहलगाम से बैसरन पहुंचे। घायल सैलानियों को एयरलिफ्ट कर जीएमसी अनंतनाग और श्रीनगर एम्स भेजा गया। पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। बड़ी संख्या में पर्यटक अपने होटल छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए। स्थानीय प्रशासन ने पारिवारिक सदस्यों को पहलगाम क्लब में शिफ्ट किया।
आर्मी की वर्दी में आए आतंकी, बोले: “जाकर मोदी को बता दो”
चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकी आर्मी और पुलिस की वर्दी में थे और चेहरों पर मास्क लगाए थे। एक महिला पर्यटक ने बताया कि आतंकी ने पहले मेरे पति का धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। जब महिला ने रोते हुए कहा कि उसे भी मार दो, तो आतंकी बोला – “तुम्हें नहीं मारेंगे, जाकर मोदी को बता दो।”
पहले से की गई थी सुनियोजित प्लानिंग
सूत्रों का कहना है कि आतंकियों ने इस हमले की योजना पहले से बनाई थी। उन्होंने इस इलाके की सुरक्षा स्थिति, मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता और फोर्स के पहुंचने में लगने वाले समय का पूरा अध्ययन किया था। हमला खत्म होते ही आतंकी जंगलों में ओझल हो गए।
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