नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में बढ़े तनाव के बीच सोशल मीडिया पर फर्जी सूचनाओं की बाढ़ आ गई है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की ओर से न केवल ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें की जा रही हैं, बल्कि डिजिटल मोर्चे पर भी एक सुनियोजित फेक न्यूज अभियान चलाया जा रहा है। इसका मकसद भारत की जनता में भ्रम और अशांति फैलाना है।
पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा अभियान
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अब तक पाकिस्तान के हर दुस्साहस को मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की ओर से भारत को लेकर दुष्प्रचार का सिलसिला जारी है। खासकर विदेशी मंचों पर फर्जी वीडियो और झूठी खबरों के माध्यम से भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
साइबर हमले की खबर निकली झूठी
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक भ्रामक दावा वायरल हुआ, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तानी सेना ने साइबर अटैक कर भारत के 70 प्रतिशत बिजली ग्रिड को निष्क्रिय कर दिया है। यह पोस्ट ‘ग्लोबल डिफेंस इनसाइट’ और एक कथित विश्लेषक डॉक्टर कमर चीमा के सोशल मीडिया अकाउंट्स से शेयर की गई।
PIB फैक्ट चेक ने किया खुलासा
सरकार की आधिकारिक संस्था ‘प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB)’ के ‘फैक्ट चेक सेल’ ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है। PIB ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक अकाउंट से स्पष्ट किया कि ‘‘पाकिस्तान ने साइबर हमला करके भारत के 70% पावर ग्रिड को इनएक्टिव कर दिया है’’— यह दावा पूरी तरह फर्जी और बेबुनियाद है।
जनता से की गई अपील
PIB ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें और केवल सरकारी या विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
फर्जी खबरों से फैल सकती है अशांति
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाक तनाव के माहौल में फैलाई जा रही इस तरह की फर्जी सूचनाएं न केवल देश में भ्रम फैला सकती हैं, बल्कि सामाजिक अशांति का कारण भी बन सकती हैं। सरकार की एजेंसियां सतर्क हैं और इस प्रकार की हर फेक न्यूज पर निगरानी रख रही हैं।
सरकार की सतर्कता से जनता को राहत
भारतीय सुरक्षा तंत्र और मीडिया मॉनिटरिंग एजेंसियां लगातार सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों की पहचान कर रही हैं। सरकार ने कहा है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उसके पास हर स्तर पर तैयारी है और जनता को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
हमारा उद्देश्य जनता को विश्वसनीय और तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सूचित और सशक्त हो सकें।
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