नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। लेकिन हालात किसी भी वक्त खुली जंग का रूप ले सकते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है।
गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों में 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान पूरे देश में युद्ध जैसी स्थिति को लेकर सायरन बजाए जाएंगे। ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में सतर्क और तैयार रखना है। इस कदम को भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे पाकिस्तान में भी चिंता का माहौल है।
सायरन बजने पर क्या करना है जरूरी?
तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर शरण लें
खुले इलाकों से हटकर इमारतों के अंदर जाएं
टीवी, रेडियो या सरकारी ऐप्स के माध्यम से अपडेट लेते रहें
अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
मॉक ड्रिल में ये टीमें लेंगी हिस्सा:
जिला प्रशासन, पुलिस, होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस वार्डन
स्कूल-कॉलेजों के छात्र, एनसीसी, एनएसएस और एनवाईकेएस के सदस्य
स्थानीय निवासी और स्वयंसेवी संगठन
सायरन कहां बजाए जाएंगे?
सायरन सिस्टम को प्रशासनिक कार्यालयों, फायर स्टेशनों, पुलिस मुख्यालयों, बाजारों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और सैन्य ठिकानों पर स्थापित किया गया है। इनकी ध्वनि 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तक सुनी जा सकेगी, जिसकी तीव्रता 120-140 डेसिबल होगी।
झारखंड के इन 6 शहरों में विशेष तैयारियां
झारखंड में रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोमिया, गोड्डा और साहिबगंज को मॉक ड्रिल के लिए चुना गया है। प्रशासन का कहना है कि इन शहरों की रणनीतिक महत्ता के चलते इन्हें नागरिक सुरक्षा श्रेणी में रखा गया है।
रांची: यहां सेना की छावनी स्थित है
जमशेदपुर और बोकारो: देश के प्रमुख स्टील हब
गोड्डा: पावर प्लांट की मौजूदगी
गोमिया: यहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है
साहिबगंज: गंगा नदी के किनारे बना बंदरगाह, साथ ही बांग्लादेश से निकटता
सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि मॉक ड्रिल को वास्तविक परिस्थिति के अनुरूप आयोजित किया जाए ताकि जनता में जागरूकता के साथ-साथ प्रतिक्रिया की गति भी सुनिश्चित हो सके।