आवास योजनाओं में बड़ा बदलाव: झारखंड सरकार देगी अब 2 लाख रुपये की सीधी सहायता…

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रांची: झारखंड सरकार ने गरीब, वंचित और पिछड़े तबकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आवास योजनाओं में आर्थिक सहायता की राशि में बड़ा इजाफा किया है। अब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के अंतर्गत पात्र लाभुकों को पहले की तरह 1.20 लाख या 1.30 लाख रुपये नहीं, बल्कि सीधे 2 लाख रुपये प्रति आवास की सहायता मिलेगी। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इस दिशा में आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

दीपिका पांडेय सिंह ने कहा, “हर झारखंडवासी को गरिमामयी जीवन देना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह निर्णय उसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।”

मंत्री ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवासीय योजनाओं के लक्ष्यों में वृद्धि करने का प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा है। इसके साथ ही अबुआ आवास योजना के अंतर्गत जिलों को उनके वार्षिक लक्ष्यों का 1 प्रतिशत हिस्सा आकस्मिक आवश्यकताओं के लिए आरक्षित रखने की अनुशंसा की गई है, जिससे आपातकालीन स्थितियों में भी आवास आवंटन बाधित न हो।

पंचायत स्तर तक पहुंचेगी जानकारी, ज़मीन पर दिखेगा असर

झारखंड सरकार की तीन प्रमुख आवास योजनाएं –

1. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)

2. अबुआ आवास योजना

3. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना 

इनके प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान पंचायत स्तर तक संचालित होगा ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।

इस अभियान की प्रचार सामग्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की तस्वीरों को शामिल करने का निर्देश दिया गया है, जिससे योजनाओं की विश्वसनीयता और लोगों से जुड़ाव और मजबूत हो।

अबुआ आवास योजना के अंतर्गत 230.79 करोड़ रुपये की शेष राशि जो 13 मई 2025 तक राज्य व जिला स्तरीय खातों में थी, उसे एक सप्ताह के भीतर पात्र लाभुकों के खातों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही वर्ष 2025-26 के बजट में प्राप्त 3000 करोड़ रुपये की त्वरित निकासी कर समय पर निर्माण कार्य पूरा कराने का भी आदेश दिया गया है।

PM-JANMAN पर सख्त निगरानी

प्रधानमंत्री जनजातीय मानवाधिकार आवास योजना (PM-JANMAN) के क्रियान्वयन में सख्ती बरतने के संकेत मंत्री ने स्पष्ट रूप से दिए हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि किसी भी स्तर पर अनुश्रवण में ढिलाई या सामग्री की आपूर्ति में देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।

जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि लाभुकों को निर्माण सामग्री समय पर मिले और आवास का निर्माण तय समयसीमा में पूर्ण हो।

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