गिरिडीह और धनबाद के बीच बहुप्रतीक्षित रेल लाइन परियोजना को आखिरकार रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है। कई वर्षों से लंबित इस योजना को मंजूरी मिलने की खबर से गिरिडीह और आसपास के क्षेत्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों ने इसे विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
इस प्रस्तावित रेल परियोजना की कुल लागत करीब 1600 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अंतर्गत न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन को सीधे धनबाद रेलवे स्टेशन से जोड़ा जाएगा। यह रेल मार्ग कुल 70 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से 46 किलोमीटर हिस्सा धनबाद जिले में और 24 किलोमीटर हिस्सा गिरिडीह जिले में आएगा।
रेलवे की योजना के मुताबिक इस रूट पर कुल पांच नए स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें गोविंदपुर, महाराजगंज, टुंडी, फतेहपुर और परियोजना नामक स्टेशन शामिल हैं। इस परियोजना के तहत कोईमारा के बाद रेलवे लाइन न्यू गिरिडीह से जुड़ जाएगी।
धनबाद से गिरिडीह तक की इस रेल लाइन में धनबाद से प्रधानखंता तक नई पटरी बिछाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इस मार्ग पर पहले से मौजूद रेलवे लाइन का उपयोग किया जाएगा। इसके आगे प्रधानखंता से धोखरा हॉल्ट तक नई पटरी बिछाई जाएगी। इस दौरान करमाटांड़ से डांगी की ओर एक नई रेल लाइन विकसित की जाएगी, जो गोविंदपुर, महाराजगंज, टुंडी होते हुए न्यू गिरिडीह पहुंचेगी।
वर्तमान में गिरिडीह से धनबाद तक पहुंचने का एकमात्र साधन सड़क मार्ग है। यात्रियों को बस या निजी वाहनों से सफर करना पड़ता है, जिसमें न केवल अधिक समय लगता है बल्कि किराया भी अपेक्षाकृत अधिक पड़ता है। ऐसे में इस रेल परियोजना के पूरा होने से न सिर्फ यात्रा सुगम और सस्ती होगी, बल्कि गिरिडीह, टुंडी, फतेहपुर जैसे क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बल मिलेगा।
रेलवे बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर सबकुछ योजना के अनुरूप चलता रहा, तो इस परियोजना का कार्य दिसंबर 2025 तक शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी ताकि निर्धारित समयसीमा के भीतर रेल सेवा शुरू हो सके।