गिरिडीह जिले के जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) में लंबे समय से एक ही पद पर कार्यरत स्थायी एवं अनुबंधकर्मियों को हटाने की मांग तेज हो गई है। पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं फॉरवर्ड ब्लॉक नेता राजेश यादव ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी कर कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए।
राजेश यादव का कहना है कि वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे कर्मचारी भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “डीटीओ कार्यालय की कार्यशैली से आम लोग परेशान हैं। मेरे पास कई लोगों ने शिकायत की है कि यहां कुछ कर्मचारी जानबूझकर फाइलों को लंबित रखते हैं, ताकि पीड़ित लोग घूस देने पर मजबूर हो जाएं।”
श्री यादव ने बताया कि उन्होंने आरटीआई के माध्यम से डीटीओ कार्यालय से कर्मचारियों की सूची एवं अन्य सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन अब तक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने आशंका जताई कि जानकारी छिपाकर कार्यालय में चल रहे अनियमितताओं पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘हिट एंड रन’ मामलों में पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया भी जानबूझकर धीमी की जाती है। “यह प्रक्रिया डीटीओ कार्यालय के माध्यम से पूरी होती है, लेकिन यहां के कुछ कर्मी फाइलों को लटकाकर पीड़ितों से पैसे की मांग करते हैं,” उन्होंने कहा।
फॉरवर्ड ब्लॉक नेता ने जिला प्रशासन से इस मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस मुद्दे को लेकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे और आंदोलन की राह भी अपनाएंगे।

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।