JSSC-CGL पेपर लीक मामला: चार्जशीट में गौरव और अभिलाष के खिलाफ ठोस सबूत, अब कोर्ट की बारी…

Pintu Kumar
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रांची: राज्य की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा JSSC-CGL 2024 में पेपर लीक की गूंज के बाद अब सीआईडी (CID) ने इस प्रकरण की जांच पूरी कर ली है। जांच के बाद गौरव कुमार और अभिलाष कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई है। चार्जशीट में उनके खिलाफ वैज्ञानिक साक्ष्यों और अन्य पुख्ता प्रमाणों के आधार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में अब न्यायालय की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है, जो जल्द ही चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है।

चार्जशीट में दोनों आरोपियों की भूमिका को विस्तार से बताते हुए कहा गया है कि इन्होंने सुनियोजित तरीके से परीक्षा से पहले ही कुछ अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए और उसके बदले मोटी रकम की वसूली की।

यह भी खुलासा हुआ है कि इस पूरे नेटवर्क में कई अन्य संदिग्ध शामिल थे, जिनकी भूमिका की भी जांच की गई है। इन संदिग्धों के नाम भी चार्जशीट में शामिल हैं और संभावना है कि अदालत जल्द ही इन्हें समन भेज सकती है।

गौरतलब है कि इससे पहले रांची स्थित CID की विशेष अदालत ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला था कि जांच एजेंसी के पास ठोस सबूत हैं।

पेपर लीक प्रकरण की पृष्ठभूमि

राज्य में पिछले वर्ष 21 और 22 सितंबर, 2023 को तीन पालियों में JSSC-CGL परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान सामने आया कि परीक्षा से पूर्व ही कुछ अभ्यर्थियों तक प्रश्नपत्र पहुंचा दिए गए थे। यह काम एक संगठित गिरोह के माध्यम से हुआ, जिसने धोखाधड़ी और गुमराह करने की मंशा से अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूले।

सीआईडी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि पेपर लीक कराने के बदले कई छात्रों से मोटी रकम ली गई थी। गिरोह के सदस्य परीक्षा की गोपनीयता को भंग कर सरकारी सेवाओं में अनैतिक तरीके से प्रवेश दिलवाने की साजिश में शामिल थे। अब तक इस मामले में छह से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और एजेंसी का कहना है कि कुछ और नामों का खुलासा जल्द किया जा सकता है।

क्या है आगे की प्रक्रिया?

अब जबकि चार्जशीट दायर की जा चुकी है, अगला कदम अदालत के संज्ञान लेने का होगा। यदि अदालत चार्जशीट को स्वीकार कर लेती है, तो अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया जा सकता है और मुकदमे की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू होगी।

इस प्रकरण ने न सिर्फ राज्य की परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले हजारों युवाओं के भरोसे को भी गहरी चोट पहुंचाई है। उम्मीद की जा रही है कि इस पूरे मामले में दोषियों को सख्त सजा दिलाकर आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी।

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