पटना: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शनिवार को बड़ा राजनीतिक और पारिवारिक भूचाल आ गया जब पार्टी के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने ज्येष्ठ पुत्र तेज प्रताप यादव को न केवल पार्टी से निष्कासित कर दिया, बल्कि सार्वजनिक रूप से उन्हें परिवार से भी बाहर कर दिया।
लालू यादव ने इस आशय की घोषणा एक भावुक लेकिन सख्त लहजे वाले ट्वीट के माध्यम से की। उन्होंने लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं।”
लालू ने यह भी स्पष्ट किया कि तेज प्रताप अब पार्टी और परिवार के किसी भी निर्णय या गतिविधि का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने लिखा, “अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।”
अपने वक्तव्य में लालू यादव ने पारिवारिक मर्यादा, अनुशासन और लोकलाज का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि वह हमेशा से सार्वजनिक जीवन में इन मूल्यों के हिमायती रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सार्वजनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।”
लालू यादव का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है। तेज प्रताप यादव के पार्टी और परिवार से निष्कासन को कई राजनीतिक जानकार लालू परिवार के अंदरूनी मतभेदों का परिणाम मान रहे हैं।
गौरतलब है कि तेज प्रताप यादव कई बार अपने बयानों और बगावती तेवरों को लेकर विवादों में रहे हैं। उनके छोटे भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से संबंधों में तल्खी की खबरें पहले भी सामने आती रही हैं।
अब देखना होगा कि तेज प्रताप यादव इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और आगे उनकी राजनीतिक राह क्या होगी। क्या वह किसी नई पार्टी का गठन करेंगे या किसी अन्य दल का दामन थामेंगे—यह आने वाला समय ही बताएगा।