रांची: झारखंड में पुलिस बल की भारी कमी सामने आई है। राज्य में पुलिस विभाग के कुल 86,166 पद स्वीकृत हैं, जबकि वर्तमान में सिर्फ 62,521 पुलिसकर्मी सेवा में हैं। यानी 23,645 पद अब भी खाली पड़े हैं। इस वजह से पुलिसकर्मियों पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है और उन्हें सामान्य से अधिक समय तक ड्यूटी करनी पड़ रही है।
एक अख़बार में छपी रिर्पोट के मुताबिक़ इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार, प्रति एक लाख आबादी पर 211 पुलिसकर्मियों की आवश्यकता होती है, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा महज 157 है। ऐसे में कई थानों में हालात बेहद गंभीर हैं—कर्मियों को 14 घंटे की ड्यूटी और बिना छुट्टी के काम करना पड़ रहा है।
राज्य में पुलिस विभाग की विभिन्न इकाइयों में जिला बल, वायरलेस, विशेष शाखा, सीआईडी, जेल और अन्य शाखाएं शामिल हैं। लेकिन नियुक्ति के मामले में लंबे समय से सुस्ती है। झारखंड में आखिरी बार दरोगा की बहाली 2018 में हुई थी, जबकि जिला बल में 2004, 2008 और फिर 2016 में नियुक्ति हुई थी। इसके बाद से अब तक कोई नई बहाली नहीं हुई है।
कई थानों की हालत यह है कि वहां सिर्फ 4 से 5 सिपाहियों के बलबूते पूरे थाना क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था संभाली जा रही है। कुछ महत्वपूर्ण थानों की बात करें तो वहां सिर्फ चार सिपाही और एक दरोगा ही पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब जरूरत है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द खाली पदों को भरने की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से संभाला जा सके।