बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मनाया गया 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

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गिरिडीह: बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शनिवार को 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय परिवार के साथ-साथ अभिभावक एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत महर्षि पतंजलि एवं भारत माता की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर की गई। इस दौरान समिति उपाध्यक्ष सतीश्वर प्रसाद सिन्हा, आरोग्य भारती के राजेश कृष्ण दास, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विकास प्रीतम एवं प्रधानाचार्य आनंद कमल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

योग शिक्षक प्रसून सिंह एवं अनिता कुमारी के नेतृत्व में प्रतिभागियों ने विभिन्न योग आसनों, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, ध्यान एवं शरीर संचालन क्रियाओं का अभ्यास किया। सभी ने नियमित रूप से योग करने का संकल्प लिया।

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इस अवसर पर उपस्थित भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विकास प्रीतम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया। इसके बाद से 21 जून 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई। योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि दीर्घायु भी बनाता है।

आरोग्य भारती के राजेश कृष्ण दास ने योग के लाभ बताते हुए कहा कि यह तनाव कम करने, लचीलापन बढ़ाने, मांसपेशियों को मजबूत करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहायक है।

समिति उपाध्यक्ष सतीश्वर प्रसाद सिन्हा ने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो आज वैश्विक स्तर पर अपनाई जा रही है। यह न केवल शरीर बल्कि मन को भी संतुलित रखता है। हमें इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में अजीत मिश्रा, प्रदीप सिन्हा, राजेन्द्र लाल बरनवाल, निलेश कुमार, गौरव मुखर्जी, शंभू सिंह, पंचम नवीन, प्रशांत कुमार, भाजपा के महादेव दुबे, संदीप डंगायच, चून्नूकांत, प्रकाश सेठ, दिनेश यादव, विनय कुमार सिंह, विनय शर्मा सहित समस्त आचार्य-दीदी की सराहनीय भूमिका रही।

कार्यक्रम का समापन योग के महत्व को दोहराते हुए सभी प्रतिभागियों को नियमित अभ्यास करने की प्रेरणा के साथ किया गया।

 

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