अवैध खनन पर गिरिडीह प्रशासन का कड़ा रुख, डीसी ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश जून में ताबड़तोड़ कार्रवाई: ₹51.99 लाख जुर्माना, करोड़ों की वसूली

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 जिले में अवैध खनन की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। बुधवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री रामनिवास यादव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें खनिज संसाधनों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर गंभीर चर्चा हुई।

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बैठक में उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों और वाहनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर छापेमारी अभियान चलाया जाए और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए।

 

उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि एनजीटी के आदेशानुसार 10 जून से 15 अक्टूबर तक जिले में बालू का उठाव पूर्णतः प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यदि बालू के अवैध उठाव की सूचना मिलती है, तो संबंधित अधिकारियों को त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी होगी।

 

बैठक के दौरान जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 202425 के जून माह में 33 अवैध खनिज लदे वाहनों को जब्त किया गया है, जिनमें से 16 पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनसे कुल ₹51,99,500 की वसूली की गई है। विभागीय निरीक्षण के क्रम में विभिन्न पत्थर खनन पट्टाधारियों से ₹3.14 करोड़ की वसूली की जा चुकी है।

इसके अतिरिक्त, बालू के अवैध उठाव व परिवहन के मामले में अब तक 17 वाहनों पर कार्रवाई की गई है, जिनमें 09 वाहनों से ₹1,50,000 का जुर्माना वसूला गया है, जबकि विभिन्न थानों में 07 प्राथमिकी दर्ज कर 09 वाहन मालिकों/चालकों पर कार्रवाई की गई है।

खनिज कोयला, माईका (ढिबरा) और चिप्स के अवैध उत्खनन के संबंध में भी विभिन्न थाना क्षेत्रों—जमुआ, ताराटांड़, तिसरी और गावां—में कुल 4 प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक, पूर्वी व पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, आरओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उपायुक्त ने अंत में दोहराया कि जिले में खनन से जुड़े अवैध कार्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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