देवघर: बाबा बैद्यनाथधाम में होने वाले श्रावणी मेला 2025 को लेकर शुक्रवार को देवघर परिसदन सभागार में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता नगर विकास एवं आवास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार ने की। बैठक में देवघर उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा एवं दुमका उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने मेला क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा तथा तकनीक के इस्तेमाल से जुड़ी तैयारियों की जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से दी।
Advertisement
बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष श्रावणी मेला 11 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इस दौरान पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी, ताकि वे सहजता और श्रद्धा के साथ जलार्पण कर सकें और एक संतोषजनक अनुभव के साथ लौटें। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मेला अवधि के दौरान किसी भी वीआईपी या वीवीआईपी को ‘आउट ऑफ टर्न दर्शन’ की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह झारखंड का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, और इसमें हर श्रद्धालु को समान सम्मान और व्यवस्था मिलनी चाहिए।
बैठक में बिजली, पेयजल, स्वच्छता, पथ निर्माण, नगर निगम, स्वास्थ्य, जनसंपर्क, भवन निर्माण, पर्यटन और पुलिस विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई। मंत्री ने सभी विभागों और कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने दायित्वों को 5 जुलाई तक हर हाल में पूर्ण करें। मेला क्षेत्र में ओपी, ट्रैफिक ओपी, स्वास्थ्य केंद्र, सूचना एवं सहायता केंद्र, विद्युत व पर्यटन केंद्र, मातृत्व विश्राम गृह जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की बात कही गई। इसके साथ ही टेंट सिटी, शौचालय, पेयजल, स्नानगृह, साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन की 24 घंटे सक्रिय व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मंत्री ने पथ प्रकाश, सजावट, तोरण द्वार और वैकल्पिक प्रकाश की व्यवस्था को भी पूरी तरह दुरुस्त करने पर बल दिया। मेला क्षेत्र में तीन स्थानों पर टेंट सिटी में ठहराव की बेहतर व्यवस्था की जाएगी, ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। गर्मी और उमस से राहत देने के लिए मिस्ट कूलिंग और इंद्र वर्ष (वॉटर स्प्रे यूनिट) की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। देवघर और बासुकीनाथ के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए जिला और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा गया है।
श्रद्धालुओं की समस्याओं को तुरंत समझने और उनके समाधान के लिए क्यूआर कोड आधारित फीडबैक सिस्टम को मेला क्षेत्र में लागू किया जाएगा। बाबा मंदिर से निकलने वाले जल के फिल्ट्रेशन प्लांट और फूल-बेलपत्र निष्पादन संयंत्र को मेला शुरू होने से पहले चालू करने का निर्देश भी नगर निगम को दिया गया। विधि-व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, अपराध रोकथाम, पार्किंग व्यवस्था, रूटलाइन और यातायात प्रबंधन को प्रभावी और मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
इस वर्ष के श्रावणी मेले में आधुनिक तकनीकों का विशेष उपयोग होगा। मेला नियंत्रण के लिए एआई आधारित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी। लगभग 200 एआई कैमरे, 700 सामान्य कैमरे, फेस रिकग्निशन सिस्टम, हेड काउंटिंग तकनीक, 10 एआई ड्रोन, 40 बड़ी एलईडी स्क्रीन, चैटबॉट आधारित हेल्पलाइन, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, एएनपीआर कैमरे, क्यूआर कोड आधारित शिकायत प्रणाली, लोकेशन आधारित अटेंडेंस सिस्टम और डिजिटल पवेलियन जैसी तकनीकें इस बार मेला को हाईटेक बनाने में सहायक होंगी।
बैठक में संथाल परगना के आयुक्त लालचंद डाडेल, पर्यटन सचिव मनोज कुमार, झारखंड पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, देवघर एवं दुमका के पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी समेत कई अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस आयोजन को हम सभी मिलकर एक आदर्श और श्रद्धालु-हितैषी आयोजन बनाएं, ताकि बाबा बैद्यनाथ की नगरी से हर श्रद्धालु एक सुखद और सुरक्षित अनुभव लेकर लौटे।