झारखंडधाम: गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड अंतर्गत ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल झारखंड धाम इन दिनों भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है। लगातार हो रही बिजली कटौती, लो-वोल्टेज की गंभीर समस्या और विभागीय उदासीनता के खिलाफ रविवार को झारखंड धाम के विवाह भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में क्षेत्र के प्रमुख जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और सैकड़ों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ ग्रामीणों ने की, जबकि आयोजन का संचालन संयोजन समिति द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य कुमारी प्रभा वर्मा, बदड़िहा-1 के मुखिया श्री आसुतोष प्रसाद कुशवाहा, पंचायत समिति सदस्य श्री राजेश वर्मा समेत क्षेत्र के कई पंचायत प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
जनता की पीड़ा, जनप्रतिनिधियों की चेतावनी
बैठक में ग्रामीणों ने खुलकर अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कई सप्ताह से रोजाना घंटों बिजली गुल रहती है। लो-वोल्टेज की स्थिति ऐसी है कि पंखे और कूलर भी नहीं चलते, जिससे भीषण गर्मी में आमजन त्रस्त हैं। बिजली संकट का असर जलापूर्ति, बच्चों की पढ़ाई, खेतों की सिंचाई और छोटे व्यवसायों पर भी साफ दिख रहा है।
मुखिया श्री आसुतोष प्रसाद कुशवाहा ने कहा, “यह केवल बिजली की समस्या नहीं, बल्कि लोगों के धैर्य की परीक्षा है।”
वहीं, जिला परिषद सदस्य कुमारी प्रभा वर्मा ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा,“झारखंड धाम जैसे धार्मिक स्थल पर भी बिजली की यह दशा बेहद दुखद है। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे।”
पंचायत समिति सदस्य श्री राजेश वर्मा ने भी प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “अब सब्र का बांध टूट चुका है। जनता जाग चुकी है और इस बार आर-पार की लड़ाई होगी।”
Advertisement
धार्मिक स्थल की उपेक्षा से श्रद्धालु भी परेशान
गौरतलब है कि झारखंड धाम केवल स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि राज्यभर से श्रद्धालु यहां दर्शन को आते हैं। लेकिन बिजली व्यवस्था की बदहाली श्रद्धालुओं को भी प्रभावित कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करती है, तो फिर बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही?
क्या निकला बैठक का निचोड़?
यह बैठक केवल एक शिकायत दर्ज कराने का मंच नहीं रही, बल्कि यह ग्रामीण एकता और जन-जागरण का प्रतीक बन गई। उपस्थित जनों ने एक स्वर में बिजली विभाग और प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द स्थायी समाधान निकाला जाए, अन्यथा क्षेत्रवासी बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।