देशव्यापी भारत बंद का असर गिरिडीह में भी देखने को मिला। मंगलवार सुबह 5 बजे से ही टुंडी रोड स्थित चतरो के पास भाकपा माले और असंगठित मजदूर मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता चार लेबर कोड के खिलाफ सड़क पर उतरे। माले नेता राजेश सिन्हा, कन्हाई पांडेय, मसूदन कोल, किशोर राय, दारा सिंह, पवन यादव और सनातन साहू के नेतृत्व में सैकड़ों मजदूरों ने भाजपा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया।
तीन घंटे तक चले इस चक्का जाम में हजारों मालवाहक गाड़ियाँ रुकी रहीं और कई फैक्ट्रियों में मजदूर काम पर नहीं गए। हालांकि बीमार, एंबुलेंस और विद्यार्थियों को नहीं रोका गया। बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप और वार्ता के बाद सड़क से जाम हटाया गया।
माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा, “मोदी सरकार मजदूरों के अधिकार छीन रही है। आठ घंटे की जगह अब 12 घंटे काम लिया जा रहा है और आगे इसे 16 घंटे करने की योजना है।
कन्हाई पांडेय ने कहा, मजदूरों को संगठित होकर पूंजीपतियों की सरकार को जवाब देना होगा, नहीं तो उनका शोषण और बढ़ेगा।
मसूदन कोल और दारा सिंह ने चेतावनी दी कि यह सिर्फ शुरुआत है, आंदोलन और तेज होगा।
कई क्षेत्रों में बंदी का समर्थन:
कबरीबाद माइंस में राजकुमार राय की अगुवाई में बंदी को सफल बनाया गया। पपरवाटांड़ और शहरी इलाकों में भी भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराया। बंद को सफल बनाने में चुन्नू तबारक, एकराम अंसारी, कौशल साव, नारायण सिंह, सुनील ठाकुर, डीलचंद कोल, भोथारी दास, तेजप्रताप सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही।
संयुक्त संघर्ष की बात:
माले नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ मजदूरों का नहीं, बल्कि किसानों, छात्रों, महिलाओं और दलितों की लड़ाई है। आने वाले समय में एकजुट होकर बड़ा संघर्ष छेड़ा जाएगा।

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।