श्रावण मास की भक्ति में रंगा देवघर, बाबा बैद्यनाथ धाम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

Pintu Kumar
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देवघर: श्रावण मास की आध्यात्मिक शुरुआत आज शुक्रवार से भव्य रूप में हुई, जो आगामी 9 अगस्त तक चलेगा। भगवान शिव की आराधना का यह पवित्र महीना श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। श्रावण के पहले ही दिन बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से सराबोर दिखा।

श्रावण के पहले दिन उमड़ा जनसैलाब

आज तड़के सुबह 3 बजे बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पट खोले गए। इसके साथ ही कांचा जल स्नान और पारंपरिक ‘सरदारी पूजा विधि’ से बाबा भोलेनाथ की आराधना की गई। पूजा के उपरांत अरघा के माध्यम से जल अर्पण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। सुबह होते-होते मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं और कांवरियों की लंबी कतारें लग गईं। चारों ओर ‘बोल बम’ के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया।

गुरुवार शाम से ही कांवरियों का सैलाब देवघर पहुंचने लगा था। जिला प्रशासन के अनुमान के अनुसार, पहले ही दिन लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। कांवरियों की कतारें रात से ही निर्धारित रूटों पर लगनी शुरू हो गई थीं, जिससे पूरे शहर में भक्ति और अनुशासन की मिसाल देखने को मिली।

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श्रावणी मेले की विधिवत शुरुआत

देवघर में गुरुवार से राजकीय श्रावणी मेले की भी विधिवत शुरुआत हो गई। इस वर्ष सावन में कुल चार सोमवार पड़ेंगे, जिनमें पहला सोमवार 14 जुलाई को होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन का पहला सोमवार विशेष फलदायक होता है और इसी दिन सावन का पहला व्रत भी रखा जाएगा।

पूरे श्रावण मास के लिए स्पर्श पूजा पर रोक लगा दी है। श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। वे केवल अरघा से जल अर्पित कर बाहर से दर्शन कर सकेंगे। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था की सुचारुता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

प्रशासनिक तैयारी और तकनीकी निगरानी

श्रावण मेले के सफल संचालन के लिए जिला और मंदिर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। शहर में विभिन्न स्थानों पर पार्किंग की सुविधा, शटल सेवाएं, ड्रोन से निगरानी, एआई आधारित निगरानी कैमरे, सीसीटीवी, चैटबोट और हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं सक्रिय कर दी गई हैं। साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन रिस्पॉन्स टीम भी तैनात की गई है।

बासुकीनाथ के लिए सीधी बस सेवा

इस बार श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब बाबा मंदिर के पास से ही बासुकीनाथ के लिए सीधी बस सेवा शुरू की गई है। इससे श्रद्धालुओं को स्टेशन या बस स्टैंड जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। केवल प्रशासन से अनुमति प्राप्त बसों को मंदिर क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई है। ये बसें विशेष रूप से बासुकीनाथ की यात्रा के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित की गई हैं। इसके लिए प्रशासन ने विशेष रूट तय किए हैं और पास भी जारी किए गए हैं।

शहर हुआ शिवमय

श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही पूरा देवघर शिवमय हो उठा है। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा बैद्यनाथ के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं और भक्ति भाव से जलाभिषेक कर रहे हैं। मंदिर परिसर से लेकर शहर की गलियों तक भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है।

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