जिले के आर.के. महिला कॉलेज और गिरिडीह कॉलेज में 12वीं कक्षा में नामांकन पर रोक लगाए जाने से छात्राएं परेशान हैं। शनिवार को दर्जनों छात्राएं डीसी कार्यालय पहुंचीं और शिक्षा अधिकारियों से मिलकर इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की।
छात्राओं ने अधिकारियों को बताया कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत डिग्री कॉलेजों में 12वीं कक्षा में नामांकन बंद कर दिया गया है, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि 11वीं की पढ़ाई उन्होंने इन्हीं कॉलेजों से पूरी की है और अब अचानक नियम बदलने से वे असमंजस में हैं।
छात्राओं का आरोप है कि न तो कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक सूचना दी गई और न ही उन्हें किसी वैकल्पिक संस्था में नामांकन या आगे की पढ़ाई को लेकर मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इससे उन्हें मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है।
छात्राओं की प्रमुख मांगें:
- डिग्री कॉलेजों में 12वीं का नामांकन बहाल किया जाए
- नई शिक्षा नीति की स्पष्ट जानकारी छात्रों को दी जाए
- यदि अन्य संस्था में नामांकन कराना हो, तो उचित मार्गदर्शन और वैकल्पिक व्यवस्था की जाए
छात्राओं ने यह भी बताया कि छह महीने तक पढ़ाई हो जाने के बाद यह नियम लागू किया गया है, जिससे उनका कीमती समय और एकेडमिक सत्र बर्बाद हो सकता है।
इस पूरे मामले से साफ है कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में जमीनी स्तर पर जागरूकता और पारदर्शिता की गंभीर कमी है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग छात्रों की चिंता को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक कोई ठोस पहल सामने आती है।

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।