झारखंड में माइनिंग टूरिज्म की नई पहल, खदानों की तकनीकी दुनिया से वाकिफ हुए पत्रकार और इन्फ्लुएंसर…

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रांची: झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की संयुक्त पहल से राज्य में पर्यटन को नई दिशा देने वाली एक अनूठी पहल की औपचारिक शुरुआत की गई है। सोमवार को ‘माइनिंग टूरिज्म सर्किट’ की लॉन्चिंग के साथ झारखंड ने देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में स्थित खनन क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाना है।

 

इस माइनिंग टूर का आयोजन खासतौर पर राज्य के प्रमुख सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और पत्रकारों के लिए किया गया, ताकि वे न केवल खनन क्षेत्रों की कार्यप्रणाली और तकनीकी प्रक्रियाओं को समझ सकें, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी जान सकें।

सुरम्य पतरातु घाटी से शुरू हुई यात्रा

 

यह विशेष टूर सुबह 9 बजे रांची स्थित होटल बिरसा विहार से प्रारंभ हुआ, जहां से प्रतिभागियों को दो ट्रैवलर बसों के माध्यम से पतरातु घाटी की ओर रवाना किया गया। खूबसूरत वादियों, हरियाली से घिरे घुमावदार रास्तों और प्रसिद्ध पालनी फॉल्स के नयनाभिराम दृश्यों ने प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

दोपहर में पतरातु स्थित होटल पर्यटन विहार में मेहमानों का पारंपरिक एवं गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद, प्रतिभागियों ने माइनिंग टूर के मुख्य आकर्षण — उरीमारी कोयला खदान — का रुख किया।

तकनीकी जानकारी से लेकर ब्लास्टिंग का प्रत्यक्ष अनुभव

 

दोपहर 2 बजे प्रतिभागियों का दल CCL अधिकारियों के नेतृत्व में उरीमारी खदान पहुँचा। वहाँ CCL की अनुभवी तकनीकी टीम ने खनन प्रक्रिया, सुरक्षा मानकों, पर्यावरणीय सावधानियों और कोयला निकालने की जटिल तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

 

प्रतिभागियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए और उन्हें ब्लास्टिंग जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर भी मिला। उत्तरी उरीमारी खदान के भ्रमण के दौरान प्रतिभागियों ने खनन की बारीकियों को करीब से समझा और झारखंड के औद्योगिक परिदृश्य में इस क्षेत्र के योगदान की सराहना की।

पर्यटन और औद्योगिक विकास का संगम

 

JTDC के निदेशक श्री प्रेम रंजन ने इस अवसर पर कहा,

 

माइनिंग टूरिज्म, झारखंड में पर्यटन के नए युग की शुरुआत है। यह पहल राज्य के औद्योगिक और प्राकृतिक संसाधनों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगी। हम CCL के सहयोग के लिए विशेष रूप से आभार प्रकट करते हैं।”

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उन्होंने यह भी कहा कि इस टूरिज्म मॉडल से जहां एक ओर पर्यटकों को झारखंड के खनन क्षेत्रों की तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक जानकारी मिलेगी, वहीं दूसरी ओर इससे स्थानीय पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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