गिरिडीह: राधास्वामी संगठन एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है। संगठन पर ग्रामीणों से मोटी रकम वसूलने और उन्हें अधिक मुनाफा दिलाने का लालच देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस पूरे मामले में गिरफ्तार प्रदेश उपाध्यक्ष शमीम अख्तर की पत्नी जैतुन परवीन ने पचंबा थाना में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश सिन्हा, उनकी पत्नी व जिला प्रभारी अनीशा सिन्हा के खिलाफ लिखित आवेदन दिया है।
क्या हैं आरोप?
जैतुन परवीन का आरोप है कि उनके पति वर्ष 2019 से राधास्वामी संगठन से जुड़े थे और इसी दौरान वे ग्रामीणों से संगठन के लिए पैसा जमा करते रहे। वर्ष 2024 के चुनाव में शमीम अख्तर को प्रत्याशी भी बनाया गया था। संगठन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि चुनाव खर्च संगठन ही उठाएगा, लेकिन बाद में 38 लाख रुपये की मांग की गई। जब उन्होंने यह राशि मांगी तो उन्हें धमकी दी गई कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया जाएगा। इतना ही नहीं, उनसे जबरन इस्तीफा भी लिया गया।
जैतुन परवीन का आरोप है कि मुकेश सिन्हा और उनकी पत्नी अनीशा सिन्हा ग्रामीणों को चिटफंड कंपनी की तरह लालच देकर किस्तों पर वाहन दिलवाने का झांसा देते हैं। लेकिन बाद में किस्त भरने का वादा पूरा नहीं किया जाता, जिससे ग्रामीण आर्थिक नुकसान झेलते हैं और धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं।
संगठन का पक्ष क्या है?
जब हमारी टीम ने राधास्वामी संगठन का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। हालांकि, मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में राधास्वामी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश कुमार सिन्हा ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना है कि शमीम अख्तर ने ही ग्रामीणों से ठगी की है और उसने संगठन को लिखित रूप से यह स्वीकार भी किया है कि उसने किन-किन लोगों से ठगी की। मुकेश सिन्हा के अनुसार, शमीम अख्तर की पत्नी किसी के बहकावे में आकर यह आरोप लगा रही हैं।
पुलिस क्या कह रही है?
इस मामले पर पचंबा थाना प्रभारी राजीव कुमार ने कहा कि राधास्वामी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष व प्रभारी पर भोले-भाले ग्रामीणों से पैसों को कई गुना करने का लालच देकर ठगी करने का आरोप लगा है। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है।