गिरिडीह: शनिवार को गांधी चौक स्थित बड़े नाले में मासूम की मौत के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। माले नगर कमिटी के सचिव राजेश सिन्हा ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह हादसा पूरी तरह नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है।
सिन्हा ने बताया कि 31 जुलाई को ही माले ने उप नगर आयुक्त को शहर की सभी खतरनाक नालियों को ढकने के लिए लिखित आवेदन दिया था। इस पर 400 स्लैब बनाए भी गए थे, लेकिन उन्हें लगाने में कोई पहल नहीं की गई। “अगर समय पर नालियों को ढक दिया जाता तो आज मासूम की जान बच सकती थी,” उन्होंने कहा।
माले नेता ने घोषणा की कि इसी आधार पर वे गिरिडीह कोर्ट में उप नगर आयुक्त और संबंधित सरकारी अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारी सिर्फ नगर विकास विभाग के निर्देशों पर काम करते हैं और जनप्रतिनिधियों की बातों को नज़रअंदाज करते हैं।
सिन्हा ने रेस्क्यू ऑपरेशन में जिला प्रशासन, नगर निगम सफाई कर्मियों और युवाओं के प्रयास की सराहना की, लेकिन साथ ही कहा कि ऐसी टीम को स्थायी रूप से 24 घंटे सक्रिय रखने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटा जा सके।
माले की मांग है कि पीड़ित परिवार को आजीवन जीविका के लिए ठोस व्यवस्था की जाए, बच्चों की पढ़ाई का खर्च ग्रेजुएशन तक सरकार उठाए और उचित मुआवज़ा दिया जाए। साथ ही सिन्हा ने कहा कि यदि इस पर जल्द पहल नहीं हुई तो वे पीआईएल दायर करेंगे।
अंत में उन्होंने मृतक बच्चे की आत्मा की शांति और परिवार को दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।