कुड़मी समाज का रेल टेका आंदोलन जारी, कई ट्रेनें रद्द – यात्रियों को हो रही भारी परेशानी

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गिरिडीह/रांची/धनबाद: झारखंड में शनिवार (20 सितंबर) से कुड़मी समुदाय का अनिश्चितकालीन ‘रेल टेका’ आंदोलन शुरू हो गया है। कुड़मी समाज की मांग है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मिले और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इस आंदोलन का असर झारखंड सहित पश्चिम बंगाल और ओडिशा तक फैले वृहत्तर छोटानागपुर क्षेत्र में दिख रहा है।

शनिवार सुबह से ही आंदोलनकारी विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ट्रैक जाम कर बैठे हैं। सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र स्थित हेंसालंग रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने ढोल-नगाड़ों के साथ रेल पटरी पर उतरकर प्रदर्शन किया। इसी दौरान जेएलकेएम नेता तरुण महतो भी ट्रैक पर बैठे नजर आए।

चंद्रपुरा स्टेशन में आंदोलन का असर सबसे अधिक देखने को मिला। सुबह 5 बजे से ही बड़ी संख्या में लोग जुटने लगे और 6 बजे के बाद ट्रैक पर उतरकर ट्रेनों को रोकना शुरू कर दिया। यहां गोमो-चैपन 53343, नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस 20839 समेत कई ट्रेनों को रोक दिया गया। रांची- दरभंगा ट्रेन को आउटर पर रोकने से यात्रियों को घंटों तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।

इधर, रांची जिले में मुरी, राय, टाटीसिलवे और मेसरा स्टेशन, वहीं रामगढ़ जिले में बरकाकाना, रामगढ़ कैंट, मायल और गोला स्टेशन में भी आंदोलकारी ट्रैक पर उतर गई है। हजारीबाग, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, जामताड़ा, गोड्डा और दुमका जिले के कई स्टेशनों पर भी आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिल रही है।

रेलवे प्रशासन ने एहतियातन कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इनमें रांची-पटना जनशताब्दी, आसनसोल-हटिया एक्सप्रेस (जिसे हजारीबाग में ही कैंसल कर दिया गया), और धनबाद से चलने वाली कई ट्रेनें शामिल हैं।

रेल अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले अपनी ट्रेन के समय, रूट परिवर्तन और कैंसिलेशन की जानकारी जरूर लें और उसी अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।