डिजिटल युग में जहां लोग कैशलेस लेन-देन को तेजी से अपना रहे हैं, वहीं ठग अब ऑनलाइन पेमेंट के जरिए नए-नए तरीके से लोगों को निशाना बना रहे हैं। गिरिडीह जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां “मंजिते कंप्यूटर” नामक दो CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया।
पहला मामला जमुआ प्रखंड के तारा गांधी चौक स्थित मंजिते कंप्यूटर सेंटर का है, जिसका संचालन निलेश कुमार करते हैं। जानकारी के अनुसार, एक युवक कैश निकालने के नाम पर सेंटर पहुंचा। उसने संचालक के बिजनेस UPI में ₹10,000 ट्रांसफर किए और नकद राशि लेकर चला गया। अगले दिन जब बैंक में पेमेंट सेटलमेंट हुआ, तो पूरा अमाउंट बैंक द्वारा होल्ड कर दिया गया। बैंक की ओर से बताया गया कि ट्रांसफर की गई राशि “फ्रॉड ट्रांजैक्शन” से जुड़ी हुई है।

दूसरा मामला न्यू बरगंडा वूमेंस कॉलेज, गिरिडीह के पास स्थित मंजिते कंप्यूटर सेंटर का है, जिसका संचालन रोहित कुमार करते हैं। यहां भी दो युवकों ने इसी तरह का तरीका अपनाया — ₹10,000 का UPI पेमेंट दिखाकर नकदी ले गए। कुछ ही देर बाद बैंक ने उस ट्रांजैक्शन को संदिग्ध बताकर पूरा अमाउंट होल्ड कर दिया।

सौभाग्य से गिरिडीह वाले मामले की घटना की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है, जिसमें संदिग्ध युवकों की तस्वीरें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं।
संचालकों ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति इन युवकों को पहचानता है तो मंजिते कंप्यूटर को 6200779050 नंबर पर संपर्क करें। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
सावधानी ही सुरक्षा है:
- किसी भी UPI ट्रांजैक्शन के बाद बैंक से क्लियरेंस की पुष्टि अवश्य करें।
- अज्ञात खातों से आए पैसों पर तुरंत नकदी न दें।
- संदिग्ध ट्रांजैक्शन की तुरंत सूचना बैंक और स्थानीय साइबर पुलिस को दें।
- डिजिटल भुगतान के बढ़ते दौर में इस तरह की घटनाएं यह संदेश दे रही हैं कि जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।