नई दिल्ली: अगर आप अपना आधार कार्ड अपडेट कराने की सोच रहे हैं, तो अब आपको पहले से अधिक पैसे चुकाने होंगे। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार से जुड़ी सेवाओं की फीस में बढ़ोतरी कर दी है। यह नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो चुकी हैं और 30 सितंबर 2028 तक प्रभावी रहेंगी। इसके बाद UIDAI इन दरों की दोबारा समीक्षा करेगा। इस बदलाव का सीधा असर देश के करोड़ों आधार धारकों पर पड़ेगा, जो किसी न किसी कारण से अपने दस्तावेज या जानकारी अपडेट कराने की योजना बना रहे हैं।
UIDAI के अनुसार अब आधार कार्ड से जुड़ी डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक दोनों तरह की जानकारियों को अपडेट कराने पर पहले से ज्यादा शुल्क देना होगा। डेमोग्राफिक अपडेट के तहत नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर या ईमेल जैसी जानकारियों में बदलाव करने पर अब 75 रुपये देने होंगे। पहले यह शुल्क 50 रुपये था। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति डेमोग्राफिक अपडेट के साथ-साथ बायोमेट्रिक अपडेट भी करवा रहा है, तो उसके लिए अलग से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
वहीं, बायोमेट्रिक अपडेट की बात करें तो इसमें फिंगरप्रिंट, आईरिस या फोटो जैसी जानकारियों को संशोधित किया जाता है। UIDAI ने अब इसकी फीस 100 रुपये से बढ़ाकर 125 रुपये कर दी है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया है कि अक्टूबर 2028 के बाद इस शुल्क में और बढ़ोतरी संभव है, जो इसे 150 रुपये तक पहुंचा सकती है। यानी आने वाले वर्षों में आधार से जुड़ी सेवाएं और महंगी हो सकती हैं।
डॉक्यूमेंट अपडेट यानी पहचान पत्र या पते का प्रमाण जमा करने के लिए भी शुल्क में बदलाव किया गया है। UIDAI ने बताया कि जो लोग अपने दस्तावेज ऑनलाइन यानी myAadhaar पोर्टल के माध्यम से अपडेट कराना चाहते हैं, उन्हें 14 जून 2026 तक किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन अगर यही काम एनरोलमेंट सेंटर पर कराया जाता है, तो इसके लिए अब 75 रुपये का भुगतान करना होगा। पहले इसके लिए 50 रुपये देना पड़ता था।
आधार कार्ड का प्रिंट आउट निकलवाने की प्रक्रिया में भी अब अतिरिक्त खर्च शामिल कर दिया गया है। UIDAI ने eKYC या अन्य टूल्स के माध्यम से प्रिंट निकालने के लिए शुल्क को दो चरणों में बांटा है। पहले चरण में 40 रुपये देने होंगे जबकि दूसरे चरण में 50 रुपये का भुगतान करना होगा।
बढ़ी हुई फीस के बीच UIDAI ने बच्चों के लिए राहत के कुछ प्रावधान भी रखे हैं। बच्चों की समय पर अपडेटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ आयु वर्गों में बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह निशुल्क कर दिए गए हैं। पांच से सात वर्ष की उम्र के बच्चों का पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट मुफ्त रहेगा। वहीं सात से पंद्रह वर्ष के बच्चों के लिए सामान्यत: 125 रुपये शुल्क लिया जाता है, लेकिन UIDAI ने यह शुल्क 30 सितंबर 2026 तक माफ कर दिया है। इसी तरह 15 से 17 साल की उम्र वाले किशोरों का पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट भी बिना किसी शुल्क के किया जाएगा। UIDAI का कहना है कि यह निर्णय बच्चों के लंबित अपडेट को कम करने और उनके रिकॉर्ड को अद्यतन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
जो लोग किसी कारणवश एनरोलमेंट सेंटर नहीं जा सकते, उनके लिए UIDAI ने घर पर सेवा उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की है। अब आधार एनरोलमेंट या अपडेट घर बैठे कराया जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक निश्चित शुल्क देना होगा। UIDAI के मुताबिक, एक बार घर पर विजिट का खर्च 700 रुपये (जीएसटी सहित) होगा। अगर उसी पते पर कई लोग सेवा लेना चाहते हैं, तो पहले व्यक्ति से 700 रुपये लिए जाएंगे और बाकी प्रत्येक सदस्य से 350 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
UIDAI के इस नए फैसले का मतलब साफ है कि अब आधार से जुड़ी अधिकांश सेवाएं पहले से महंगी हो गई हैं। बच्चों के कुछ मामलों को छोड़कर हर आधार धारक को अब किसी भी प्रकार का अपडेट कराने के लिए अधिक शुल्क देना होगा। चाहे डेमोग्राफिक जानकारी बदलनी हो या बायोमेट्रिक या फिर दस्तावेज़ अपडेट कराना हो—सभी सेवाओं की लागत बढ़ा दी गई है।
1 अक्टूबर 2025 से लागू इन नए नियमों के बाद लोगों को अपने आधार कार्ड में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए पहले से अधिक पैसे चुकाने होंगे। UIDAI का कहना है कि ये बदलाव सेवा की गुणवत्ता और डिजिटल सुरक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। हालांकि, आम नागरिकों के लिए यह बढ़ी हुई फीस निश्चित रूप से एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ साबित होगी।

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