धनवार का ऐतिहासिक राजघाट छठ महापर्व की तैयारी में जगमगाया, आकर्षक सजावट और थीम आधारित पंडाल बने मुख्य आकर्षण…तीन दिवसीय मेले का आयोजन

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राजधनवार: छठ महापर्व की गूंज के साथ ही धनवार का ऐतिहासिक राजघाट इन दिनों श्रद्धा और उत्सव के रंग में सराबोर है। प्रदेश प्रसिद्ध तीन दिवसीय राजघाट छठ मेला की तैयारियाँ जोरों पर हैं। रविवार को खरना से लेकर मंगलवार को पारण तक पूरा क्षेत्र भक्ति, आस्था और रोशनी से जगमगाने वाला है।

हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु न सिर्फ गिरिडीह जिले से, बल्कि पड़ोसी जिलों और राज्यों से भी यहां पहुंचेंगे। सूर्य देव को अर्घ्य देने और आस्था के इस अद्भुत पर्व का साक्षी बनने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने की संभावना है।

इस वर्ष मेले की सजावट विशेष रूप से आकर्षक है। राजघाट परिसर को विद्युत सज्जा, स्वच्छता और नयनाभिराम दृश्यों से सजाया गया है। पिछले एक महीने से बंगाल और झारखंड के दर्जनों सजावट विशेषज्ञ व कामगार दिन-रात तैयारी में जुटे हुए हैं।

राजस्थानी और दक्षिण भारतीय थीम पर तैयार पंडाल

राज कचहरी परिसर में राजस्थानी चौकीधानी की तर्ज पर किले और ग्रामीण जीवन के सुंदर दृश्य सजाए जा रहे हैं। वहीं, नदी पर तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जा रहा पुल-पंडाल इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण होगा।

नदी के पूर्वी घाट पर मंगोलिया के मंदिर जैसी भव्य संरचना में सूर्य मंदिर का पंडाल बनाया गया है। बताया गया कि इसका डिजाइन तैयार करने के लिए मंगोलिया से एक इंजीनियर भी धनवार पहुंचा था। दूसरा पुल दक्षिण भारतीय मंदिरों की शैली में सजाया जा रहा है।

पूरे मेला क्षेत्र में विद्युत तोरणद्वार और रंगीन लाइटों की आकृतियाँ लोगों को आकर्षित कर रही हैं। धनवार बाजार, चौक-चौराहे, राजघाट से सटे दिवानटोला घाट — हर जगह बिजली की सजावट ने त्योहारी माहौल को और जीवंत कर दिया है।

पूरी तैयारी पर समिति की नजर

पूरे आयोजन की निगरानी छठ पूजा समिति की टीम कर रही है। सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात की व्यवस्था के लिए भी प्रशासन सतर्क है।

आस्था, श्रद्धा और उत्साह का प्रतीक — धनवार का राजघाट एक बार फिर तैयार है सूर्य देव को अर्घ्य देने आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए।