जमुआ प्रखंड अंतर्गत चितरडीह साप्ताहिक हाट के पास स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का शुक्रवार को श्रद्धा और परंपरागत विधि-विधान के साथ विसर्जन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत हवन, सिंदूर खेला, प्रसाद वितरण और मां की विदाई की रस्मों से हुई, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। वहीं पूरी पूजा पाठ मुख्य पुजारी चंदन पांडेय तथा रिंकू पाठक के देखरेख में
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विदाई से पूर्व भक्तों ने मां की प्रतिमा को कंधों पर उठाकर मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद प्रतिमा को ट्रैक्टर पर सवार कर शोभायात्रा निकाली गई, जो चितरडीह की कई गलियों से होते हुए विसर्जन स्थल तक पहुंची। इस दौरान मां की जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
विसर्जन को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा। मेला परिसर में जमुआ थाना के एसआई कमलेश प्रसाद दल-बल के साथ मौजूद रहे और शांति व्यवस्था बनाए रखी। हालांकि लगातार बारिश के कारण मैदान कीचड़ और पानी से भर गया था, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत हजारों लोग मेला देखने पहुंचे।
45 साल पुराना मंदिर का इतिहास
स्थानीय युवा ऋतिक सिन्हा ने बताया कि यहां मां की प्रतिमा स्थापना और पूजा का सिलसिला पिछले 45 वर्षों से लगातार चल रहा है। पूजा की शुरुआत एक मन्नत पूरी होने के बाद हुई थी। पहले यह पूजा केवल एक परिवार द्वारा की जाती थी, लेकिन समय के साथ मां की भव्यता और श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था ने इसे पूरे गांव का सामूहिक आयोजन बना दिया

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।