गिरिडीह: झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य में अब चार नए मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहे हैं। खूंटी, जामताड़ा, धनबाद और गिरिडीह जिलों में इन कॉलेजों की स्थापना की जाएगी। यह कॉलेज पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर संचालित होंगे।
मंगलवार को नई दिल्ली में वित्तीय मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) की हुई बैठक में झारखंड सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बैठक में झारखंड सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापना योजना के तहत मिली स्वीकृति
यह स्वीकृति भारत सरकार की ‘पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापना’ योजना के तहत दी गई है। इस योजना का उद्देश्य देशभर में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार करना और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाना है।
यह परियोजना केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग द्वारा संचालित वाइबलिटी गैप फंडिंग (VGF) की उप योजना-1 और उप योजना-2 के अंतर्गत लागू की जाएगी।
• धनबाद में मेडिकल कॉलेज उप योजना-1 के तहत खोला जाएगा।
• वहीं खूंटी, जामताड़ा और गिरिडीह में कॉलेज उप योजना-2 के तहत स्थापित होंगे।
केंद्र और राज्य का साझा वित्तीय योगदान
उप योजना-2 (खूंटी, जामताड़ा, गिरिडीह) के अंतर्गत —
• भारत सरकार 40% पूंजीगत व्यय सहायता और 25% परिचालन व्यय सहायता देगी।
• राज्य सरकार 25–40% पूंजीगत व्यय तथा 15–25% परिचालन व्यय का योगदान करेगी।
वहीं धनबाद के लिए उप योजना-1 के अंतर्गत —
• केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों 30-30 प्रतिशत पूंजी व्यय सहायता देंगी।
चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस साझेदारी से न केवल चिकित्सा शिक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य तंत्र में भी व्यापक सुधार आएगा।
अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि चार नए मेडिकल कॉलेज खुलने से ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
350 नई एमबीबीएस सीटें बढ़ेंगी
• इन चारों कॉलेजों की स्थापना के साथ झारखंड में एमबीबीएस की कुल 350 नई सीटें जुड़ेंगी।
• खूंटी में 50 सीटें
• धनबाद, जामताड़ा और गिरिडीह में 100-100 सीटों पर नामांकन होगा।
इससे राज्य के विद्यार्थियों को राज्य में रहकर मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और उन्हें बाहर के राज्यों में निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
स्वास्थ्य अवसंरचना को मिलेगी नई दिशा
इन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से न सिर्फ शिक्षा क्षेत्र में बल्कि स्वास्थ्य अवसंरचना में भी बड़ा सुधार होगा।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की भारी कमी को पूरा करने में यह पहल मील का पत्थर साबित होगी। इसके साथ ही अस्पतालों में आधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ सेवाओं की उपलब्धता भी बढ़ेगी।
हमारा उद्देश्य जनता को विश्वसनीय और तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सूचित और सशक्त हो सकें।
“खबरें, जो आपकी आवाज़ बनें”