राजधनवार (गिरिडीह): लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर धनवार का ऐतिहासिक राज छठ घाट और दीवान टोला छठ घाट एक बार फिर श्रद्धा और भव्यता का केंद्र बन चुके हैं। रविवार को ‘खरना’ के साथ तीन दिवसीय आस्था मेला का शुभारंभ हुआ, और इसके साथ ही घाटों पर पारंपरिक संस्कृति और आधुनिक सजावट का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
राज छठ घाट, जो वर्षों से लोक परंपरा और इतिहास का साक्षी रहा है, इस बार पूरी तरह सज-धज कर तैयार है। घाट के चारों ओर रंग-बिरंगी लाइटें, झिलमिलाते तोरण द्वार, और मनमोहक कलाकृतियां श्रद्धालुओं का मन मोह रही हैं। विशेष आकर्षण के रूप में राजदरबार के सामने राजस्थान के किले, जयपुर के चौकीधनी गाँव का दृश्य, मांगोलियन सूर्य मंदिर और तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिकृति तैयार की गई है, जो लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों की सांस्कृतिक झलक एक ही स्थान पर दिखा रही है।

इसके अलावा, नदी पर बने आकर्षक पुल और सात मंदिरों की श्रृंखला घाट की सुंदरता को और बढ़ा रही है। ये दृश्य न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान कर रहे हैं, बल्कि युवाओं और फोटोग्राफरों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

वहीं दीवान टोला छठ घाट की भव्यता भी किसी से कम नहीं है। यहां बने ‘नमो नमः पुल’, विद्युत तोरण द्वार, मूर्तियां और रंगीन लाइटें घाट की शोभा में चार चांद लगा रही हैं। शाम होते ही घाटों पर दीपों की कतारें, संगीत की धुनें और श्रद्धा का माहौल वातावरण को अलौकिक बना देते हैं।

स्थानीय प्रशासन और समिति की ओर से घाटों की सफाई, सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारी की गई है। साथ ही, स्थानीय स्वयंसेवक और पुलिस बल लगातार गश्त कर रहे हैं ताकि पूजा में किसी तरह की बाधा न आए।

