रांची: झारखंड परिवहन विभाग ने ट्रैक्टर में लगने वाली ट्रॉली के पंजीकरण को लेकर बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने नया दिशा-निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब ट्रॉली का अलग से रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। पहले ट्रॉली का कोई स्वतंत्र पंजीकरण नहीं होता था, जिससे विभाग को हर वर्ष भारी राजस्व की हानि झेलनी पड़ती थी। अब सरकार ने इस कमी को दूर करते हुए सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों (डीटीओ) को अधिसूचना जारी कर दी है।
परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के डीटीओ को भेजा पत्र
झारखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त ने हजारीबाग डीटीओ सहित सभी जिलों के परिवहन कार्यालयों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है। पत्र में साफ कहा गया है कि ट्रैक्टर के साथ उपयोग होने वाली स्थानीय स्तर पर निर्मित ट्रॉली का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए। यह निर्देश पूरे राज्य में एक समान रूप से लागू होगा।
दस्तावेज के अनुसार, अब तक बिना पंजीकरण वाली ट्रॉलियों के कारण विभाग को बड़े पैमाने पर राजस्व नुकसान हो रहा था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद इस अनियमितता पर अंकुश लगेगा और ट्रैक्टर-ट्रॉली संचालन पूरी तरह नियमबद्ध होगा।
ट्रॉली निर्माण करने वाले दुकानदारों के लिए ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य
परिवहन विभाग ने स्थानीय स्तर पर निर्मित ट्रॉलियों के लिए पांच मॉडल (डिजाइन) को स्वीकृति प्रदान की है। अब ट्रॉली बनाने वाले सभी दुकानदारों या फर्मों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस के ट्रॉली निर्माण या बिक्री नहीं की जा सकेगी।
विभागीय अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि डीटीओ अपने-अपने जिलों में विशेष अभियान चलाकर ट्रॉली का पंजीकरण कराएं। इसके साथ ही दुकानदारों को लाइसेंस प्रक्रिया पूरी करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।