गिरिडीह : झारखंड राज्य के सहायक शिक्षकों द्वारा स्थायीकरण एवं नियमित वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन की घोषणा के बाद गिरिडीह जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। आंदोलन के प्रथम चरण में बुधवार को उच्च शिक्षा एवं तकनीकी मंत्री सुदीव्य कुमार सोनू के गिरिडीह स्थित आवास का घेराव प्रस्तावित है। संभावित परिस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।
सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) श्रीकांत यशवंत विस्पुते ने एहतियातन मंत्री आवास के 500 मीटर के दायरे में चार से छह नवंबर तक निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी है। इस अवधि में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, जुलूस निकालने, नारेबाजी करने तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। एसडीएम ने स्पष्ट कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कठोर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
इधर, राज्य के विभिन्न जिलों से गिरिडीह पहुंच रहे सहायक शिक्षकों की गतिविधियों पर प्रशासनिक निगरानी बढ़ा दी गई है। धनबाद से आने वाले कई शिक्षकों को ताराटांड़ थाना क्षेत्र में रोक दिया गया, वहीं दूरदराज से आने वाले शिक्षकों को सलैया रेलवे स्टेशन से हिरासत में लेकर गिरिडीह स्टेडियम में एकत्र किया जा रहा है। प्रशासन की मंशा है कि किसी भी स्थिति में शिक्षक मंत्री आवास तक न पहुंच सकें।
एहतियात के तौर पर झंडा मैदान सहित मंत्री आवास के आसपास के इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। शहर के कई स्थानों पर सहायक शिक्षकों की मौजूदगी देखे जाने के बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग जिलाधिकारी (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्वयं कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सहायक शिक्षकों का यह आंदोलन अब गिरिडीह समेत पूरे प्रदेश में चर्चा का केंद्र बन गया है। आमजन की निगाहें बुधवार को प्रस्तावित घेराव पर टिकी हैं—यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्थिति किस मोड़ पर जाती है और क्या प्रशासन तथा आंदोलनरत शिक्षकों के बीच संवाद का कोई रास्ता निकल पाता है या नहीं।