गिरिडीह:- झारखंड राज्य स्थापना समारोह 2025 के उपलक्ष्य में आज झंडा मैदान में JSLPS विभाग द्वारा जतरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कोषागार पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों ने कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस कार्यक्रम में हमारे स्थानीय कलाकार एवं नुक्कड़ नाटक दल झारखंड की संस्कृति, पहचान, विरासत, सशक्त एवं विकसित झारखंड के संदेश को अपने लोक नृत्य नटुआ नृत्य अन्य लोक कलाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

इस दौरान उप विकास आयुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम सबके लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि झारखंड अपनी राज्य स्थापना के 25वें वर्ष — अपने रजत जयंती वर्ष — में प्रवेश कर चुका है। यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, हमारे संघर्ष, हमारी समृद्ध संस्कृति और हमारे विकास की उपलब्धियों का प्रतीक है। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से हम सब झारखंड की उस आत्मा को महसूस किया जो हमारी मिट्टी की खुशबू में रची-बसी है, जहां लोकगीतों की धुन, मांदर की थाप की झलक हमारी एकता, विविधता और गौरवशाली परंपरा को दर्शाती है। झारखंड की सांस्कृतिक पहचान, झारखंड की धरती जितनी संसाधनों से समृद्ध है, उतनी ही समृद्ध है इसकी लोक-संस्कृति। यहाँ के गीत, नृत्य, लोककथाएँ, प्रकृति से जुड़े जीवन मूल्य—सभी मिलकर झारखंड को एक विशिष्ट पहचान देते हैं। हमारी आज की यह जतरा भी झारखंड की इसी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिबिंब है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हमारे स्थानीय कलाकार, नुक्कड़ कलाकार और लोकनृत्य दल, झारखंड की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को मंच पर जीवंत करने वाले हैं।